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खतरनाक अपशिष्ट उत्सर्जन करने वाली इकाइयों को ऑनलाइन पंजीकरण कराने को कहा गया

Units emitting hazardous waste asked to register online

सोलन, 9 अगस्त लापरवाह औद्योगिक इकाइयों द्वारा खतरनाक और विषाक्त अपशिष्टों को जानबूझकर डंप करने पर रोक लगाने के लिए, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सभी राज्यों में राष्ट्रीय खतरनाक अपशिष्ट ट्रैकिंग प्रणाली शुरू की है।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) द्वारा आज बद्दी में नई प्रणाली के बारे में निवेशकों में जागरूकता पैदा करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

सभी खतरनाक अपशिष्ट उत्सर्जक इकाइयों को ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करने का निर्देश दिया गया है। इकाइयों को अपशिष्ट उत्पादन की दैनिक रिपोर्ट दाखिल करनी होगी, जबकि इसकी निगरानी एसपीसीबी द्वारा की जाएगी।

इसमें खतरनाक कचरे की सीमापार आवाजाही भी शामिल होगी। बद्दी जैसे औद्योगिक क्लस्टरों में खतरनाक अपशिष्ट के उत्पादन, परिवहन, भंडारण, पुनर्चक्रण, उपयोग और निपटान पर नज़र रखने के लिए, एसपीसीबी ने बद्दी में अपने राष्ट्रीय पोर्टल का जमीनी स्तर पर सत्यापन भी शुरू किया।

बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ औद्योगिक क्लस्टर में लगभग 850 औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें राज्य के 89 प्रतिशत से अधिक उद्योग स्थित हैं।

बद्दी और बरोटीवाला क्षेत्र की इकाइयों को अपने अपशिष्टों को वैज्ञानिक निपटान के लिए कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट में भेजना होता है, जबकि नालागढ़ क्षेत्र की इकाइयाँ ऐसा खुद ही करती हैं। वैज्ञानिक निपटान की लागत बचाने के लिए इकाइयों द्वारा अपशिष्टों को जल निकायों में डालने के मामले अक्सर सामने आते हैं।

एसपीसीबी के सदस्य सचिव अनिल जोशी ने निवेशकों को अवगत कराया कि पंजीकरण प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने तथा इन मॉड्यूलों के माध्यम से सूचना प्रस्तुत करने के लिए आज बद्दी में निवेशकों के साथ परामर्श बैठक आयोजित की गई।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वैज्ञानिक दीप्ति कपिल ने निवेशकों के समक्ष वास्तविक समय उपयोगकर्ताओं के साथ ट्रैकिंग प्रणाली के जमीनी उपयोग का प्रदर्शन किया।

राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र ने इस मॉड्यूल पर पंजीकरण करने की प्रक्रिया शुरू की है, साथ ही दैनिक रिकॉर्ड और मैनिफेस्ट दाखिल करने के लिए मॉड्यूल भी विकसित किया है।

हितधारकों को खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया तथा खतरनाक अपशिष्ट का सुरक्षित एवं वैज्ञानिक तरीके से निपटान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

इस अवसर पर एसपीसीबी, बद्दी के मुख्य अभियंता प्रवीण गुप्ता भी उपस्थित थे। बैठक में बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) उद्योग संघ के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष अशोक राणा और शिवालिक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के अशोक शर्मा सहित 150 कंपनियों के निवेशक शामिल हुए।

खतरनाक कचरे को जानबूझकर फेंकना बोर्ड के लिए चिंता का विषय था, क्योंकि इससे जल निकाय प्रदूषित हो रहे थे और बद्दी से होकर बहने वाली सरसा नदी के जल की गुणवत्ता में पिछले कई वर्षों से सुधार नहीं हो पाया है।

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