सोमवार और मंगलवार को हरियाणा के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश हुई, जिससे खड़ी फसलों और बाजारों में खुले अनाज के भंडार को काफी नुकसान पहुंचा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, नारनौल में सबसे अधिक 41 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद महेंद्रगढ़ (33 मिमी), अंबाला (26.8 मिमी), पलवल (26.5 मिमी), हिसार (19.2 मिमी), गुरुग्राम (18.5 मिमी), सिरसा (16.5 मिमी), करनाल (14.8 मिमी), कैथल (12 मिमी), रोहतक (10 मिमी), पानीपत (5 मिमी) और मेवात (4 मिमी) का स्थान रहा।
किसानों ने नुकसान पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कटाई के मौसम के दौरान बारिश एक महत्वपूर्ण समय पर हुई। किसान विक्रम ने कहा, “हमारी फ़सलें बिक्री के लिए लगभग तैयार थीं, लेकिन अब वे चौपट और भीगी हुई पड़ी हैं। हमें भारी नुकसान का डर है।”
एक अन्य किसान अनिल ने बताया कि चावल मिल मालिक ज़्यादा नमी के कारण धान ख़रीदने से मना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “अनाज मंडियों में भीगे हुए अनाज में अब ज़्यादा नमी है, जिससे गुणवत्ता खराब होने के कारण उनकी क़ीमतें कम हो सकती हैं।”
इस बीच, विपक्षी नेताओं ने प्रभावित किसानों के लिए तत्काल राहत और मुआवजे की मांग की है। पूर्व कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कहा, “सरकार को नुकसान का आकलन करने के लिए टीमें भेजनी चाहिए और बिना देरी के मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए।”
किसान यूनियनों ने भी प्रशासन से हस्तक्षेप करने और और अधिक नुकसान को रोकने का आग्रह किया है। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के कोर कमेटी सदस्य जगदीप औलख ने कहा, “जिला प्रशासन को अनाज मंडियों में अधिक सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।”
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