नई दिल्ली, नेपाल में फैले हिंसक प्रदर्शनों के बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों को वहां की यात्रा स्थगित करने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी कर कहा कि भारतीय नागरिक तब तक नेपाल न जाएं जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। इन प्रदर्शनों में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “नेपाल की स्थिति को देखते हुए भारतीय नागरिकों को वहां की यात्रा स्थगित करने की सलाह दी जाती है। जो भारतीय नागरिक इस समय नेपाल में हैं, वे अपने आवास पर ही रहें, सड़कों पर न निकलें और पूरी सतर्कता बरतें।”
साथ ही मंत्रालय ने कहा कि भारतीय नागरिक स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों, नेपाल सरकार और भारत के काठमांडू स्थित दूतावास द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में दूतावास के हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करने की अपील भी की गई है।
भारत सरकार ने कहा कि वह नेपाल की घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रही है और युवाओं की मौत से गहरा दुखी है। मंत्रालय ने कहा, “हम मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। एक नजदीकी मित्र और पड़ोसी देश के रूप में हम उम्मीद करते हैं कि सभी पक्ष संयम बरतेंगे और संवाद के माध्यम से समस्याओं का समाधान करेंगे।”
इस बीच नेपाल में सोमवार को 19 प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद आंदोलन और उग्र हो गया। प्रधानमंत्री ओली ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। ओली को जुलाई 2024 में नेपाली कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बनाया गया था, लेकिन व्यापक प्रदर्शनों और गठबंधन सहयोगियों के इस्तीफों के कारण टिक नहीं सके।
काठमांडू और कई अन्य शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन और सिंह दरबार सहित कई सरकारी कार्यालयों व नेताओं के आवासों में आगजनी और तोड़फोड़ की। सीपीएन और नेपाली कांग्रेस के दफ्तरों को भी नुकसान पहुंचाया गया।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री ओली के काठमांडू स्थित आवास में भी आग लगा दी। कई मंत्रियों, जिनमें गृह मंत्री, कृषि मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और युवा व खेल मंत्री तेजु लाल चौधरी शामिल हैं, ने भी इस्तीफा दे दिया है।
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