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यूपी सरकार 37 हजार गरीब बच्चों के भविष्य बना रही स्मार्ट, 62 जिलों में अब संचालित होंगे कुल 109 विद्यालय

UP government is making the future of 37 thousand poor children smart, now a total of 109 schools will be run in 62 districts

लखनऊ, 21 जून । योगी सरकार संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक समावेशिता और समता का एक सफल मॉडल बनकर उभरे हैं। गरीब, वंचित और ग्रामीण परिवेश के मेधावी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, रोजगारोन्मुख और पूरी तरह निःशुल्क आवासीय शिक्षा देने वाली इस योजना के तहत लाभान्वित बच्चों की संख्या में वर्ष दर वर्ष उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

वर्ष 2018-19 में जहां मात्र 32,429 बच्चे इस योजना के तहत पढ़ाई कर रहे थे, वहीं वर्ष 2025-26 में यह संख्या बढ़कर करीब 37,000 तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा केवल संख्या नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में योगी सरकार की दूरदर्शी सोच और संकल्प की सफलता की कहानी है। बीते सात वर्षों में करीब 4,571 छात्रों की बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि सरकार गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने में पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

जहां वर्ष 2018-19 तक प्रदेश के 58 जिलों में 100 सर्वोदय विद्यालय संचालित थे, वहीं वर्ष 2025 तक यह संख्या बढ़कर 109 विद्यालयों तक पहुंच गई है, जो अब 62 जिलों में कार्यरत हैं।

समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि इस वर्ष मथुरा, बलिया, पीलीभीत, गोंडा, कानपुर देहात, अमरोहा, महाराजगंज, अंबेडकरनगर और मैनपुरी जिलों में 9 नए सर्वोदय विद्यालय खोले गए हैं, जिससे लगभग 2,000 नए छात्रों को निःशुल्क शिक्षा और आवासीय सुविधा का लाभ मिलेगा।

इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाएं, टैबलेट, एयरोमॉडलिंग, एआई कार्यशालाएं, सीसीटीवी निगरानी और अन्य नवीनतम तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। भोजन, यूनिफॉर्म, पाठ्य सामग्री से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं (एनईईटी, जेईई, सीयूईटी) की निःशुल्क कोचिंग तक की संपूर्ण व्यवस्था छात्रों को आत्मनिर्भर और प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायक है।

इन विद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया भी सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखकर बनाई गई है। 60% सीटें अनुसूचित जाति/जनजाति, 25% पिछड़े वर्ग और 15% सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित हैं, जिससे हर तबके को समान अवसर मिल सके। साथ ही, 85% छात्र ग्रामीण क्षेत्रों से चयनित किए जाते हैं, जिससे गांवों के होनहारों को भी आगे बढ़ने का मंच मिलता है।

सात वर्षों में लाभार्थी संख्या में हुई बढ़ोत्तरी केवल शैक्षिक आंकड़ों की बात नहीं है, यह उन हजारों परिवारों की आशा और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की बुनियाद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रही यह पहल संदेश देती है कि सरकार शिक्षा को सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि समाज परिवर्तन का साधन मानती है।

सर्वोदय विद्यालयों के जरिए उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार सामाजिक न्याय, शैक्षिक समानता और नवाचार के माध्यम से एक ऐसा भविष्य रच रही है, जहां हर बच्चा, चाहे वह किसी भी वर्ग या क्षेत्र से हो, एक समान अवसर और उज्ज्वल भविष्य का हकदार है। विद्यालयों की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी हाल ही में आए नीट (यूजी) के परिणाम में मीरजापुर के मड़िहान स्थित सर्वोदय विद्यालय की 25 में से 12 छात्राओं ने सफलता हासिल की है, ये सभी छात्राएं पिछड़े व अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग से हैं।

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