January 30, 2025
Uttar Pradesh

महाकुंभ भगदड़ के बाद यूपी सरकार का फैसला, मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित, वीवीआईपी पास भी किए गए रद्द

UP government’s decision after Mahakumbh stampede, fair area declared no vehicle zone, VVIP passes also cancelled.

प्रयागराज, 30 जनवरी उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ मेले में मची भगदड़ के बाद पांच मुख्य बदलाव किए हैं। महाकुंभ नगर को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है यानि किसी भी तरह के वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।

महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान के लिए मेला क्षेत्र में करोड़ों श्रद्धालुओं के उमड़ने के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए। घटना को लेकर सरकार ने बताया कि संगम तट पर पहुंचने की कोशिश में श्रद्धालुओं के बैरिकेड्स को धक्का दिए जाने के कारण भगदड़ मची।

इस हादसे के बाद, राज्य सरकार ने पांच प्रमुख बदलावों का फैसला किया, जिन्हें प्रशासन ने लागू कर दिया है।

महाकुंभ मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के वाहनों को सख्त वर्जित कर दिया गया है और पूरी तरह से नो-व्हीकल जोन में तब्दील कर दिया गया है।

मेला क्षेत्र में वीवीआईपी पास को रद्द कर दिया गया है। किसी भी स्पेशल पास वाहनों को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी।

श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए एकतरफा यातायात व्यवस्था लागू की गई है।

शहर में भीड़भाड़ को कम करने के लिए पड़ोसी जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमाओं पर ही रोका जा रहा है।

व्यवस्था बनाए रखने के लिए 4 फरवरी तक शहर में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।

इन पांच बदलावों के अलावा, मेला क्षेत्र में भीड़ को अच्छे से मैनेज करने के लिए आईएएस अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तत्काल प्रयागराज पहुंचने का निर्देश दिया गया है। दोनों नौकरशाहों ने विजय किरण के साथ 2019 अर्धकुंभ के सफल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस आयोजन के दौरान भानु गोस्वामी ने जिला मजिस्ट्रेट और कुंभ मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया, जबकि आशीष गोयल प्रयागराज के आयुक्त थे, जो प्रबंधन की देखरेख करते थे।

इसके अतिरिक्त, बड़े पैमाने पर आयोजनों को संभालने में पिछले अनुभव वाले पांच विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को महाकुंभ संचालन में सहायता के लिए नियुक्त किया गया है।

त्रासदी के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और अंतर-विभागीय समन्वय पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई दिशा निर्देश जारी किए।

उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) द्वारा महाकुंभ व्यवस्थाओं की समीक्षा करने का आदेश दिया। एडीजी और प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट को शहर से सभी भक्तों की सुरक्षित और सुचारू विदाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम योगी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और कई जिलों के अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने रेल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए। परिवहन निगम को भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त बसें चलाने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि कहीं भी भीड़ का दबाव नहीं बढ़ना चाहिए और सड़कों पर यातायात या लोगों की भीड़ नहीं होनी चाहिए। सड़कों पर कब्जा जमाए बैठे रेहड़ी-पटरी वालों को यातायात में व्यवधान को रोकने के लिए खाली जगहों पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि मेला देखने आए लोगों को मेला मैदान में घूमते समय अनावश्यक प्रतिबंधों का सामना न करना पड़े इस पर नजर रखी जाए।

बुधवार को राज्य सरकार ने भगदड़ के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की घोषणा की। इस पैनल में न्यायमूर्ति हर्ष कुमार, पूर्व महानिदेशक वी.के. गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी वी.के. सिंह शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

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