January 31, 2025
National

यूपी शिक्षक भर्ती प्रकरण : अभ्यर्थियों को न्‍याय प्रदान करना नहीं चाहती भाजपा : प्रियंका

UP teacher recruitment issue: BJP does not want to provide justice to the candidates: Priyanka

नई दिल्ली, 10 सितंबर । शिक्षक भर्ती प्रकरण पर अब 23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख निर्धारित की। इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों पक्षों से जवाब तलब किया है। अब सभी को कोर्ट की अगली सुनवाई का इंतजार है, लेकिन उससे पहले इस मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।

इसी बीच, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर कहा, “यूपी में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में भाजपा ने ​जैसा युवा और सामाजिक न्याय विरोधी रवैया अपनाया है, वह हैरान करने वाला है। दोहरा खेल, खेलकर आरक्षित और अनारक्षित- दोनों श्रेणी के युवाओं पर सामाजिक, आर्थिक एवं मानसिक रूप से आघात किया जा रहा है। पहले भर्ती ​प्रक्रिया में आरक्षण घोटाला कर सैकड़ों दलित, पिछड़े अभ्यर्थियों का हक मारा और अब भी भाजपा की मंशा इस प्रकरण को लटकाने और भटकाने जैसी ही है। यह अन्याय बंद होना चाहिए।”

आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा, “69000 शिक्षक भर्ती (2018) में आरक्षण में हुए घोटाले पर 16 अगस्त 2024 को इलाहाबाद, उच्च न्यायालय ने अपनी मुहर लगाते हुए को न्याय से वंचित अभ्यर्थियों को न्याय देने के लिए तीन महीने का समय दिया था। लेक‍िन उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी, ये मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से कष्टदायी है। सुप्रीम कोर्ट से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का न्याय प्रदान करने का आग्रह करता हूं। क्योंकि इनके पांच वर्ष पहले ही सरकार और अधिकारियों की हठधर्मिता की भेंट चढ़ चुके हैं। हमारी पार्टी इस मामले पर नजर बनाए हुए है और छात्रों के अधिकार के लिए हर परिस्थिति में उनके साथ खड़ी है।”

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 69 हजार शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। इसकी परीक्षा 2019 में हुई थी। परीक्षा के बाद कटऑफ के आधार पर अभ्यर्थियों को नौकरी दी गई, लेकिन अभ्यर्थियों का आरोप है कि इस भर्ती में 19 हजार सीटों पर घोटाला हुआ है। बीते दिनों इस संबंध में उन्होंने दावा किया था कि इस भर्ती में ओबीसी को 27 फीसद आरक्षण मिलना चाहिए था, लेकिन उसकी जगह महज 3.86 फीसद ही आरक्षण मिला। वहीं, एससी कैटेगरी को 21 फीसद आरक्षण मिलना चाहिए था, लेकिन उसकी जगह 16.6 फीसद आरक्षण ही मिला।

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