March 6, 2025
National

यूपी : सहारनपुर के बरसी गांव में एक मात्र पश्चिम मुखी शिव मंदिर, महाभारत काल से होलिका दहन नहीं करने की परंपरा

UP: The only west facing Shiva temple in Barsi village of Saharanpur, tradition of not burning Holika since Mahabharata period

होली का पर्व नजदीक है और देशभर में होलिका दहन की तैयारियां जोरों पर हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गंगोह विधानसभा क्षेत्र के बरसी गांव में होलिका दहन नहीं किया जाता। इस गांव में महाभारत काल से चली आ रही परंपरा के अनुसार, होलिका जलाने से भगवान शिव के चरण झुलस जाते हैं, इसलिए यहां होलिका दहन नहीं किया जाता। यहां पर देश का एकमात्र पश्चिम मुखी शिव मंदिर भी स्थित है।

ग्रामीणों की मान्यता है कि महाभारत युद्ध के दौरान जब भगवान श्रीकृष्ण इस गांव में आए, तो उन्होंने इस स्थान को बृजधाम के समान पवित्र बताया। तब से इस गांव का नाम ‘बरसी’ पड़ा। बरसी गांव के लोगों का कहना है कि यहां पर होलिका दहन नहीं करने की परंपरा पिछले 5000 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है, और आने वाली पीढ़ियां भी इसे निभाती रहेंगी। हालांकि, यहां रंगों का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन होलिका दहन नहीं होता।

बरसी गांव में स्थित महाभारत कालीन स्वयंभू शिवलिंग का विशेष महत्व है। मान्यता है कि भगवान शंकर स्वयं इस गांव में निवास करते हैं, और यदि यहां होलिका दहन किया जाए तो उसकी अग्नि से उनके चरण झुलस सकते हैं। इसी कारण यहां के ग्रामीण होली पूजन के लिए अन्य गांवों में जाते हैं, लेकिन अपने गांव में दहन नहीं करते। गांव के निवासी अनिल गिरी बताते हैं कि “पांडव पुत्र भीम ने अपनी अपार शक्ति से मंदिर के मुख्य द्वार को पूर्व से पश्चिम दिशा में घुमा दिया था। यही कारण है कि यह देश का एकमात्र पश्चिम मुखी शिव मंदिर माना जाता है।”

बरसी के पश्चिम मुखी शिव मंदिर में प्रतिवर्ष विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, जहां उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान सहित कई राज्यों से श्रद्धालु जलाभिषेक करने और आशीर्वाद लेने आते हैं। गांव के लोगों की भगवान शिव के प्रति गहरी आस्था और परंपराओं के प्रति अटूट विश्वास यह दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति में श्रद्धा और विश्वास का कितना बड़ा महत्व है।

Leave feedback about this

  • Service