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महाराष्ट्र विधान परिषद में एसटी को-ऑपरेटिव बैंक को लेकर हंगामा

Uproar in Maharashtra Legislative Council regarding ST Co-operative Bank

नागपुर, 12  दिसंबर । महाराष्ट्र विधान परिषद में सोमवार को गुणरत्‍न सदावर्ते के नेतृत्व वाले एसटी सहकारी बैंक के निदेशकों के खिलाफ “निष्क्रियता” को लेकर हंगामा हुआ, क्‍योंकि यह बैंक कथित तौर पर दिवालिया होने के कगार पर है।

प्रश्‍नकाल के तुरंत बाद इस मुद्दे को उठाते हुए वरिष्ठ शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब ने कहा कि सदावर्ते और उनकी पत्‍नी को तकनीकी बोर्ड के सदस्यों के रूप में शामिल किया गया था, जबकि “सदावर्ते के बहनोई, सिर्फ 23 वर्षीय युवा, जिन्‍हें इस पेशे में पर्याप्त अनुभव नहीं है, उन्हें बैंक का प्रबंध निदेशक नियुक्त कर दिया गया।”

उन्‍होंने कहा, “इसके अलावा, नए निदेशकों ने ब्याज दर 9 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दी, जिसके परिणामस्वरूप खाताधारकों ने 180 करोड़ रुपये की एफडी (सावधि जमा) वापस ले ली, जबकि 450 करोड़ रुपये की निकासी के लिए आवेदन बैंक के समक्ष लंबित हैं।”

परब ने कहा कि 18 बोर्ड सदस्यों में से 14 ने “सदावर्ते के कामकाज पर आपत्ति जताई थी” और भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक को नोटिस दिया था, इसलिए सरकार को वर्तमान निदेशक मंडल को भंग कर देना चाहिए और इसे बचाने के लिए एक प्रशासक नियुक्त करना चाहिए।”

विपक्षी नेता शिवसेना (यूबीटी) के अंबादास दानवे, सचिन अहीर और अन्य ने इस मुद्दे पर सदन में हंगामा किया और बोर्ड को तत्काल भंग करने और प्रशासक की नियुक्ति की मांग की।

सहकारिता राज्य मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल ने कहा कि उनके विभाग और आरबीआई को बैंक के निदेशकों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं और आरबीआई से पत्र मिलने के बाद सहकारी नियम 89 (ए) के तहत कथित अनियमितताओं के खिलाफ जांच शुरू की गई है। .

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