अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टैरिफ युद्ध को देखते हुए इंडस्ट्री लीडर्स का मानना है कि यह भारत के लिए वैश्विक आर्थिक विकास और इनोवेशन का केंद्र बनने का सुनहरा अवसर है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के 120वें वर्षगांठ समारोह के अवसर पर आईएएनएस से बातचीत में मैनकाइंड फार्मा के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राजीव जुनेजा ने कहा, “यह एक बहुत ही अलग तरह की परिस्थिति है और भारत के लिए एक बड़ा अवसर है। देश का भविष्य काफी उज्ज्वल है।”
जुनेजा ने आगे कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे क्षेत्रों में ग्लोबल लीडर बनना फिलहाल दूर का सपना लगता है, लेकिन देश सही रास्ते पर है।”
मैनकाइंड फार्मा के वाइस चेयरमैन के मुताबिक, “देश को छोटे-छोटे कदम उठाने चाहिए। काफी सारे स्टार्टअप्स अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर युवाओं को सरकार से सपोर्ट मिलता है तो एक दिन हम एआई में दुनिया का सेंटर बन सकते हैं।”
उन्होंने कौशल विकास और युवा सशक्तिकरण पर सरकार के फोकस की प्रशंसा की और बढ़ते इन्फ्रास्ट्रक्चर और सपोर्ट सिस्टम को सही कदम बताया।
जुनेजा ने आईएएनएस से कहा, “सरकार शानदार काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं को लेकर बहुत चिंतित हैं। अवसर पैदा किए जा रहे हैं और सही कदम उठाए जा रहे हैं।”
हिंदुस्तान टिन वर्क्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय भाटिया ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “यह भारत के लिए सबसे अच्छा समय है। जिस तरह से भारत प्रगति कर रहा है और वैश्विक स्तर पर इसकी पहचान बन रही है, वह हमारे उद्योगों के लिए एक बेहतरीन अवसर है। सरकार व्यापार करने में आसानी के लिए काम कर रही है और हमें उम्मीद है कि और भी कदम उठाए जाएंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “भारत टैरिफ वृद्धि जैसे वैश्विक झटकों को झेलने के लिए अच्छी स्थिति में है। हमारा आधार मजबूत हैं। ये वैश्विक झटके अस्थायी हैं। भारत वापस से पटरी पर आ गया है।”
एआई पर भाटिया ने कहा कि भारत के पास इस क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए संसाधन और प्रतिभा है। भारतीय पहले से ही वैश्विक स्तर पर एआई में योगदान दे रहे हैं। अगर हम अपने मौजूदा कर्मचारियों को फिर से प्रशिक्षित करें और उन्हें नए कौशल से लैस करें, तो हम नौकरी की निरंतरता सुनिश्चित कर सकते हैं और नए रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं।
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