March 26, 2025
National

‘यूएस के पास चैट जीपीटी-जेमिनी, चीन के पास डीपसीक, भारत कहां खड़ा है?’ , राज्यसभा में बोले राघव चड्ढा

‘US has chat GPT-Gemini, China has DeepSeek, where does India stand?’, Raghav Chadha said in Rajya Sabha

आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने मंगलवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ का मुद्दा उठाया। राघव चड्ढा ने कहा कि अमेरिका के पास अपना चैट-जीपीटी, जेमिनी, ग्रॉक और चीन के पास डीपसीक जैसे एआई मॉडल हैं। लेकिन, क्या भारत अपना जनरेटिव एआई मॉडल बना पाएगा?

राघव चड्ढा ने कहा कि आज का दौर एआई की क्रांति का युग है और अमेरिका के पास अपने चैट-जीपीटी, जेमिनी, ग्रॉक जैसे मॉडल हैं, वहीं चीन ने डीपसीक जैसे सबसे ज्यादा क्षमता वाले और सबसे कम लागत से बना एआई मॉडल तैयार कर लिया है। लेकिन, इस एआई के युग में भारत कहां है? क्या भारत इस युग में पिछड़ता जा रहा है? क्या भारत अपना जनरेटिव एआई मॉडल नहीं बना पाएगा?

उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 से 2022 तक दुनिया में जितने पेटेंट रजिस्टर्ड हुए, उनका 60 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका और 20 प्रतिशत हिस्सा चीन ने हासिल किया। दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था वाले भारत ने मात्र 0.5 प्रतिशत ही हासिल किया।

‘आप’ सांसद ने आगे कहा कि यह बात तो सच है कि अमेरिका और चीन ने पिछले 4-5 साल में एआई पर खासी रिसर्च की और उसमें निवेश तथा प्रयोग किए। भारत की बड़ी आबादी एआई के वर्कफोर्स का हिस्सा है। बताया जाता है कि कुल एआई वर्कफोर्स का 15 प्रतिशत हिस्सा भारतीय हैं।

राघव चड्ढा ने आंकड़ा देते हुए कहा कि 4.50 लाख भारतीय एआई प्रोफेशनल के तौर पर विदेशों में काम कर रहे हैं। एआई दक्षता में भारत की रैंक तीसरी है। भारत के पास प्रतिभा है, मेहनती लोग भी हैं, ब्रेन पावर है, डिजिटल अर्थव्यवस्था है, हमारे यहां 90 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर्स भी हैं। लेकिन, फिर भी भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर एआई का कंज्यूमर बन गया है, मगर एआई का प्रोड्यूसर नहीं बन पा रहा है।

‘आप’ सांसद राघव चड्ढा ने चिंता जताई कि हाल ही में चैट-जीपीटी के फाउंडर ने कहा कि भारत के एआई भविष्य को लेकर वे पूरी तरह निराश हैं। आज समय आ गया है कि हम उन्हें जवाब दें और भारत इस एआई के युग में एआई का प्रोड्यूसर बने, न कि एआई कंज्यूमर।

उन्होंने आखिर में कहा कि भारत को ‘मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ ‘मेक एआई इन इंडिया’ की ओर बढ़ना होगा।

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