March 20, 2025
Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश : 1498 गंभीर मरीजों की जिले में ही बची जान

Uttar Pradesh: 1498 critically ill patients survived in the district itself

लखनऊ, 19 मार्च । उत्तर प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों की गहन चिकित्सा इकाइयों को सुदृढ़ करने की सरकार की मंशा अब आकार लेने लगी है। जिन सात जिला अस्पतालों में आईसीयू विशेषज्ञ तैयार किए गए, उन्होंने 1498 गंभीर मरीजों को भर्ती कर स्वस्थ किया है। कुल 10 जिला अस्पतालों के आईसीयू पूर्ण रूप से सक्रिय हैं। 19 और जिला अस्पतालों के आईसीयू एक्सपर्ट प्रशिक्षित किए जा रहे हैं।

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि फरवरी 2024 में सभी आईसीयू यूनिट को सुदृढ़ करने की योजना बनी। केयर-अप (क्रिटिकल केयर एडवांसमेंट एंड रेडीनेस एन्हांसमेंट फॉर अपकमिंग आईसीयू प्रोफेशनल्स) कार्यक्रम के अंतर्गत चुनिंदा डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को आईसीयू वेंटिलेटर ऑपरेट करने का प्रशिक्षण देने का फैसला किया गया। सरकार ने इसकी जिम्मेदारी महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज, झांसी के एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अंशुल जैन को दी। डॉ. अंशुल एमएलबी पैरामेडिकल कॉलेज के निदेशक भी हैं।

अभी तक दो बैच झांसी और एक बैच केजीएमयू में प्रशिक्षित हो चुका है। ट्रेनिंग पाने वालों में चिकित्सक के अलावा नर्स, लैब टेक्नीशियन एवं फार्मासिस्ट शामिल हैं। लखनऊ के सिविल अस्पताल व लोकबंधु अस्पताल समेत बाराबंकी, गोरखपुर, बांदा, झांसी और प्रयागराज के जिला अस्पताल में आईसीयू यूनिट पूर्ण रूप से सक्रिय हैं। इसके अलावा आगरा जिला अस्पताल, मेरठ जिला महिला अस्पताल व कन्नौज जिला अस्पताल के डाक्टरों को भी प्रशिक्षण प्राप्त हो चुका है। महानिदेशक प्रशिक्षण ने उन्हें जल्द से जल्द आईसीयू यूनिट संचालित करने के निर्देश दिए हैं।

डॉ. अंशुल ने बताया कि कानपुर नगर, रायबरेली, उन्नाव, गाजियाबाद, अलीगढ़, मुरादाबाद, वाराणसी, चंदौली, आजमगढ़, मऊ, बलिया, मथुरा, फिरोजाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, चित्रकूट, इटावा, शामली व मुजफ्फरनगर जिला अस्पताल के डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण चल रहा है। यह प्रशिक्षण पूरा हो जाने के बाद 29 जिलों के सरकारी अस्पताल के आईसीयू पूर्ण रूप से सक्रिय होंगे और इससे गंभीर मरीजों को लखनऊ रेफर करने की प्रैक्टिस से काफी राहत मिलेगी।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में आईसीयू में वेंटिलेटर व ऑक्सीजन की सुविधा है लेकिन प्रशिक्षित स्टाफ की कमी के कारण गंभीर मरीजों को रेफर करना पड़ता था। योगी सरकार ने इस बाधा को समझा और गंभीर कदम उठाते हुए सभी जिला अस्पतालों के कुछ डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया। नतीजे सामने हैं। एक बार सभी जिला अस्पताल का स्टाफ प्रशिक्षित हो जाएगा तो जिला अस्पतालों की तस्वीर बदल जाएगी।

आईसीयू इंचार्ज, लोकबंधु अस्पताल डॉ. दीपक कुमार मौर्या ने कहा कि अस्पताल में 11 आईसीयू बेड सक्रिय हैं। प्रशिक्षण के बाद अस्पताल में बिना झिझक गंभीर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। बीते महीनों में सैकड़ों मरीजों को यहां भर्ती कर इलाज किया गया है। अब प्रशिक्षित स्टाफ वेंटिलेटर व अन्य उपकरण चला रहे हैं और मरीजों को सुचारू इलाज मिल रहा है। आईसीयू इंचार्ज, सिविल अस्पताल डॉ. अभिषेक सिंह ने बताया कि अस्पताल में आठ आईसीयू बेड सक्रिय हैं। प्रशिक्षण में गए सभी स्टाफ को बहुत फायदा मिला है। स्टाफ नर्स वेंटिलेटर व अन्य उपकरण अब चला रही हैं जिसका लाभ मरीजों को मिल रहा है। इसी वजह से सिविल अस्पताल के आईसीयू में बीते एक साल में मरीजों की संख्या बढ़ी है।

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