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उत्तर प्रदेश उपचुनाव : भाजपा और सपा के लिए सम्मान की लड़ाई बनी मिल्कीपुर विधानसभा सीट

Uttar Pradesh by-election: Milkipur assembly seat becomes a fight for honor for BJP and SP

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर । निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव की घोषणा कर दी है। प्रदेश में 10 विधानसभा सीटें खाली हैं, लेकिन आयोग ने सिर्फ नौ पर ही चुनाव कराने का निर्णय लिया है। दरअसल, रामनगरी अयोध्या की एक महत्वपूर्ण मिल्कीपुर विधानसभा पर चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। इसे लेकर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बीच खींचतान चल रही है।

राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर जानबूझकर हार के डर से इस सीट से चुनाव टालने का आरोप लगाया है क्योंकि मिल्कीपुर सीट फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में आती है। यह वही लोकसभा क्षेत्र है जिसके अंतर्गत भव्य राम मंदिर परिसर भी आता है। भाजपा दशकों से राम मंदिर मुद्दे को चुनाव का हिस्सा बनाकर, हिंदू मतदाताओं को साधती रही है। ऐसे में राम मंदिर निर्माण के बाद 2024 लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट से भाजपा का जीतना लगभग तय माना जा रहा था, लेकिन पार्टी को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा।

समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने भाजपा के लल्लू सिंह को करीब 55 हजार वोटों से शिकस्त दी थी। सपा को यहां 5,54,289 वोट मिले, जबकि भाजपा को 4,99,722 मत मिले। बसपा यहां तीसरे नंबर की पार्टी बनी।

अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद मिल्कीपुर विधानसभा की सीट खाली हो गई। उन्होंने 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ को करारी शिकस्त दी थी। सपा को यहां पर 1,03,905 वोट मिले थे, जबकि भाजपा को 90,567 वोट मिले थे। इससे पहले 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां पर जीत मिली थी।

मिल्कीपुर विधानसभा सीट के मतदाताओं का समीकरण देखें तो, यहां सामान्य श्रेणी के 36.04 प्रतिशत, मुस्लिम 9.48 प्रतिशत, ओबीसी 34.15 प्रतिशत और एससी के करीब 20 प्रतिशत वोटर्स हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव के वक्त यहां वोटरों की संख्या तीन लाख 69 हजार के करीब थी। इसमें ब्राह्मण, यादव और पासियों की संख्या सबसे ज्यादा है। तीनों के वोट मिलाकर 50 प्रतिशत के करीब है। इसके बाद मुस्लिम और ठाकुर मतदाता चौथे और पांचवें नंबर पर हैं। यादव और मुस्लिम सपा के परंपरागत वोटर्स माने जाते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में भाजपा की जीत इतनी आसान नहीं रहने वाली है। राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी इस सीट पर खुद नजर बनाए हुए हैं और लोकसभा चुनाव के बाद कई बार इस क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं।

हालांकि, भाजपा नेता गोरखनाथ द्वारा हाईकोर्ट में डाली गई जिस याचिका की वजह से मिल्कीपुर चुनाव की घोषणा नहीं हुई है, उसको वापस लेने के लिए उन्होंने कोर्ट में अर्जी दी है, ऐसे में संभावना है कि इस सीट पर जल्द ही उपचुनाव होगा, जिसमें भाजपा और सपा की सीधी टक्कर देखने को मिल सकती है, दोनों पार्टियों की तरफ से इसको सम्मान की लड़ाई के रूप में भी देखा जा रहा है। सपा ने अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद को जबकि बसपा ने रोमगोपाल कोरी को इस सीट से प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर दी है, जबकि भाजपा ने अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी।

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