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उत्तर प्रदेश : नई डिजिटल मीडिया नीति के तहत राष्ट्र विरोधी असामाजिक पोस्ट पर एफआईआर का प्रावधान

Uttar Pradesh: Provision for FIR on anti-national anti-social posts under new digital media policy

लखनऊ, 29 अगस्त । उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की डिजिटल मीडिया नीति को मंजूरी दे दी है। सरकार ने पूरी नीति का व्यापक स्वरूप बुधवार को जारी किया। नीति के तहत असामाजिक, अपमानजनक पोस्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से लेकर विज्ञापन बंद करने का प्रावधान है।

नई नीति सरकार की योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तियों/फर्मों को सूचीबद्ध करने और उन्हें विज्ञापन देने के संबंध में है। नीति के तहत निदेशक सूचना को किसी भी राष्ट्र विरोधी, असामाजिक, अपमानजनक पोस्ट के खिलाफ कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है। इसमें प्रासंगिक कानून के तहत एफआईआर दर्ज करने उस पोस्ट को हटाने तथा पैनल को रद्द करने, विज्ञापन बंद करने से लेकर किसी भी तरह की कार्रवाई हो सकती है।

नीति में बताया गया है कि विज्ञापन दिए जाने और कार्रवाई के लिए विभागीय स्तर पर निदेशक, सूचना अधिकृत होंगे। कोई भी ऐसा कंटेन्ट, वीडियो, ट्वीट, पोस्ट, रील जो राष्ट्र विरोधी हो, समाज विरोधी हो, अभद्र हो या समाज के विभिन्न तबकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता हो, गलत तथ्यों पर आधारित हो, सरकार की योजनाओं को गलत ढंग से या गलत मंशा से प्रस्तुत करता हो, उसे पूर्ण रूप से हटाते हुए संबंधित पक्ष के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जा सकती है।

उत्तर प्रदेश की कला संस्कृति एवं विकास समाचार संबंधी कंटेंट को प्राथमिकता से पोस्ट करने वाले डिजिटल मीडिया हैंडल पेज चैनल अकाउंट होल्डर संचालक, डिजिटल मीडिया इन्फ्लूएंसर, कंटेंट राइटर अथवा इनसे संबंधित एजेंसी फर्म को विज्ञापन की दृष्टि से प्राथमिकता दी जाएगी।

नीति में सूचीबद्ध डिजिटल मीडिया हैंडल पेज चैनल, अकाउंट होल्डर संचालक, डिजिटल मीडिया इन्फ्लूएंसर, कंटेंट राइटर अथवा इनसे संबंधित एजेंसी, फर्म के प्रति विभाग मासिक भुगतान के लिए बाध्य नहीं होगा।

डिजिटल मीडिया में कार्य की तात्कालिकता के दृष्टिगत विभागाध्यक्ष की अनुमति एवं विभागीय समिति की संस्तुति पर प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित कंटेन्ट प्रदेश के ख्याति प्राप्त गैर-सूचीबद्ध प्रतिष्ठित डिजिटल मीडिया इंफ्लूएंसर को उनके सब्सक्राइबर/फॉलोअर्स के आधार पर उपयुक्त श्रेणी की स्वीकृत अधिकतम धनराशि का विज्ञापन जारी किया जा सकेगा।

नीति में विशेष परिस्थितियों में विज्ञापन की उपयोगिता और कंटेंट की गुणवत्ता के आधार पर निदेशक, सूचना की आख्या/संस्तुति के आधार पर अनुमन्य सीमा को घटाने का अधिकार शासन में निहित होगा।

कंटेन्ट दोहराया नहीं जाना चाहिए। अभिन्न कंटेंट पर बनाई गई कंटेन्ट, वीडियो, ट्वीट, पोस्ट, रील का भुगतान विभिन्न व्यक्तियों, एजेंसियों को नहीं किया जाएगा। डिजिटल मीडिया हैंडल/पेज चैनल के स्वामी को अधिकार स्वरूप कोई भी विज्ञापन अनुमन्य नहीं होगा। नियमावली में किसी भी संशोधन के लिए मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे।

नीति में प्रावधान किया गया है कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स तथा यू-ट्यूब के खाताधारक जिनके फॉलोअर्स की संख्या एक से 10 लाख है, वह सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में पंजीकरण करवाकर विज्ञापन का लाभ ले सकते हैं। इन्हें चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है।

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