लखनऊ, 27 दिसंबर । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर रोजगार सृजन काे लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस अवसर पर सीएम के समक्ष विभिन्न विभागाें के अधिकारियों एवं संस्थान के प्रतिनिधियों ने रोजगार सृजन की संभावनाओं और योजनाओं का प्रस्तुतिकरण किया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अपने-अपने विभाग में ठोस कार्य योजना के अनुरुप रोजगार सृजन के निर्देश दिए। साथ वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के कार्यों को और गति देने के लिए विषय विशेषज्ञों का सहयोग भी लेने को कहा। इससे नए भारत का नया उत्तर प्रदेश इकोनॉमिक ग्रोथ के साथ नए रोजगार के अवसर उपब्लध कराने में अहम भूमिका निभाएगा।
बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को उनकी योग्यता और कौशल के अनुसार समयबद्ध तरीके से रोजगार उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। ऐसे में स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर तैयार किए जाएं।
उन्होंने अधिकारियों को युवाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित करने के लिए कौशल विकास के कार्यक्रमों को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए सेक्टरवाइज कार्य कर रही है। इसके लिए 10 सेक्टर में बांटकर कार्य किए जा रहे हैं। इन सेक्टर्स के साथ प्रदेश के सभी विभागों को इंटीग्रेट किया गया।
इन कार्यों की समीक्षा हर तीन महीने में मुख्यमंत्री स्वयं करते हैं तथा हर माह संबंधित मंत्री भी समीक्षा करते हैं। वहीं, 15 दिन में विभाग के प्रशासनिक प्रमुख कार्यों की समीक्षा करते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि वन ट्रिलियन डाॅलर इकोनॉमी बनाने के कार्यों की सीएम डैशबोर्ड से निगरानी की जा रही है। उन्होंने विभिन्न संस्थानाओं के प्रतिनिधियों को सीएम डैशबोर्ड के निरीक्षण का आग्रह किया ताकि उन्हें प्रदेश सरकार की कार्यशैली से अवगत कराया जा सके। उन्होंने वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के कार्यों और रोजगार सृजन की संभावनाओं को बढ़ाने की दिशा में विषय विशेषज्ञों का सहयोग भी लेने की आवश्यकता पर बल दिया।
सीएम योगी ने कहा कि मेडिकल, एजुकेशन, पर्यटन, निर्माण एवं विनिर्माण में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर की संभावनाएं हैं। ऐसे में इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रयागराज महाकुंभ हमारे लिए प्रदेश की छवि को देश और दुनिया के सामने रखने का बेहतर अवसर है। महाकुंभ धर्म, अध्यात्म और संस्कृति का समागम है। इस समागम से जुड़ने के लिए दुनिया लालायित है। महाकुंभ में रोजगार, कौशल विकास, ज्ञान और तकनीक पर विचार विमर्श होना चाहिए। इससे रोजगार सृजन की संभावनाओं और वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के कार्यों को नई दिशा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि हर जनपद में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाने की दिशा में आगे बढ़ना होगा तथा टेलीमेडिसिन के कार्यों को और गति देनी होगी। उन्होंने यूपीएसआरटीसी की बसों की संख्या और नए रूट तैयार करने के निर्देश दिए।