N1Live Uttar Pradesh उत्तर प्रदेश : श्रमिकों को मिलेगा डिजिटल न्याय, जल्द आ रही है ई-कोर्ट प्रणाली, श्रम से जुड़े मामलों का होगा त्वरित निस्तारण
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उत्तर प्रदेश : श्रमिकों को मिलेगा डिजिटल न्याय, जल्द आ रही है ई-कोर्ट प्रणाली, श्रम से जुड़े मामलों का होगा त्वरित निस्तारण

Uttar Pradesh: Workers will get digital justice, e-court system is coming soon, labor related cases will be resolved quickly

लखनऊ, 4 जून । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्रमिक कल्याण और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। नई निरीक्षण नीति और औद्योगिक विवादों के त्वरित समाधान की व्यवस्था के माध्यम से योगी सरकार श्रमिकों के हितों का संरक्षण और उद्यमियों के लिए अनुकूल वातावरण सृजित कर रही है। यह पहल न केवल श्रमिकों के जीवन को बेहतर बनाएगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को औद्योगिक केंद्र के रूप में और मजबूत करेगी।

औद्योगिक विवादों के समाधान के लिए भी सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं। विवादों को प्राथमिकता के आधार पर समझौते के माध्यम से निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। आनुतोषिक भुगतान, कर्मचारी प्रतिकर, न्यूनतम वेतन, वेतन भुगतान, समान पारिश्रमिक, मातृत्व लाभ, और श्रमजीवी पत्रकारों से संबंधित मामलों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित हो रहा है। श्रम न्यायालयों और अधिकरणों के निर्णयों का शत-प्रतिशत अनुपालन के साथ-साथ इस प्रक्रिया को और पारदर्शी, निष्पक्ष, और त्वरित बनाने के लिए ई-कोर्ट व्यवस्था लागू करने की प्रक्रिया चल रही है, जो डिजिटल तकनीक के माध्यम से विवाद समाधान को आसान बनाएगी।

प्रदेश में श्रमिकों के कल्याण और उद्योगों के लिए पारदर्शी निरीक्षण प्रणाली लागू की गई है। सीएम योगी के निर्देश पर नई नीति के तहत अनावश्यक निरीक्षणों पर रोक लगाई गई है, और उद्यमियों को श्रम कानूनों के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया जा रहा है। 2017 की नवीन निरीक्षण प्रणाली के अनुसार, अब रैंडम आधार पर संयुक्त निरीक्षण किए जा रहे हैं, जिनके लिए श्रम आयुक्त या सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति अनिवार्य है। पंजीकृत प्रतिष्ठानों को पहले वर्ष निरीक्षण से छूट दी गई है और स्व-प्रमाणन की स्थिति में पहले पांच वर्षों में केवल एक बार निरीक्षण होगा। निरीक्षण की सूचना नियोक्ता को 48 घंटे पहले उनके पंजीकृत मोबाइल पर देना अनिवार्य है। निरीक्षक को 48 घंटे के अंदर अपनी टिप्पणियां पोर्टल पर अपलोड करनी होंगी। यह प्रणाली पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगी।

योगी सरकार की यह पहल ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को साकार करती है। श्रमिकों के हितों की रक्षा और उद्यमियों के लिए अनुकूल माहौल बनाकर सरकार उत्तर प्रदेश को निवेश और रोजगार का केंद्र बना रही है। ये नीतियां असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ औद्योगिक उत्पादकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। पारदर्शी निरीक्षण और त्वरित विवाद समाधान से उद्यमियों का विश्वास बढ़ेगा, जिससे नए उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा। योगी सरकार का यह प्रयास उत्तर प्रदेश को श्रमिक कल्याण और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन सुधारों से श्रमिकों का जीवन स्तर ऊंचा होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।

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