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उत्तराखंड विधानसभा सत्र : सदन में मंगलवार को पास नहीं हो सका समान नागरिकता कानून विधेयक

Uttarakhand Assembly session: Uniform Citizenship Act Bill could not be passed in the House on Tuesday

देहरादून, 7 फरवरी। उत्तराखंड विधानसभा सत्र की कार्यवाही मंगलवार को दोपहर दो बजे के बाद फिर से शुरू हुई। इससे पहले सुबह जब विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू हुई, तब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिकता कानून विधेयक 2024 को सदन में पेश किया था। इस दौरान सदन में ‘जय श्रीराम’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए गए, जिसका विपक्ष ने विरोध किया।

विपक्ष के विरोध करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने समान नागरिकता कानून को सदन के सामने पढ़ते हुए इसकी खूबियों को बताया। उन्होंने विपक्ष पर भी जमकर कटाक्ष किया।

विपक्ष यूसीसी का जमकर विरोध करता रहा। संसदीय कार्यमंत्री के कटाक्ष पर भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। मंगलवार को सदन में सिर्फ यूसीसी को चर्चा के लिए रखा गया था। लेकिन, समान नागरिकता कानून (यूसीसी) विधेयक पास नहीं किया जा सका। सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आज हम सब गौरवशाली हैं। पूरे देश के अंदर उत्तराखंड एक ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां यूसीसी लागू करने की पहल सीएम धामी ने की है। कुछ लोग तुष्टिकरण की राजनीति करते थे, आज हम संतुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।

मदन कौशिक ने कहा कि भाजपा ने वादा किया था कि सरकार दोबारा सत्ता में आती है तो यूसीसी बिल लागू किया जाएगा। इस बिल से एक ओर जहां महिलाएं अधिकार संपन्न होंगी, वहीं, इस बिल का लाभ समाज के सभी वर्गों को मिलेगा। यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों, के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के समान कानून लागू होंगे।

बता दें कि समान नागरिकता कानून के लागू होने के बाद लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। अनुसूचित जनजातियों को विधेयक के दायरे से बाहर रखा गया है। विधेयक में शादी, तलाक, उत्तराधिकार, संपत्ति का अधिकार, विरासत और गोद लेना जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक विषयों को मुख्य रूप में ध्यान

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