March 1, 2025
National

उत्तराखंड : हिमस्खलन में चार लोगों की मौत, बचाव अभियान जारी

Uttarakhand: Four people died in avalanche, rescue operation continues

उत्तराखंड के चमोली जिले के माना क्षेत्र में 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों का बचाव कार्य जारी है। इस आपदा में 50 श्रमिकों को बचा लिया गया है। हालांकि ताजा अपडेट के अनुसार इनमें से चार लोगों की गंभीर चोटों के कारण मौत हो चुकी है।

इस हादसे के बाद भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, आईटीबीपी और अन्य एजेंसियों ने संयुक्त रूप से बचाव अभियान शुरू किया। अभियान की प्रगति और मौजूदा स्थिति पर भारतीय सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव और सेंट्रल कमांड के जनरल ऑफिसर इन कमांड लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेन गुप्ता ने जानकारी दी है।

लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव के अनुसार, बचाव अभियान रेस्क्यू टीम द्वारा चलाया जा रहा है। चूंकि सड़कें अवरुद्ध हैं, इसलिए कुल छह हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। इनमें भारतीय सेना के तीन चीता हेलीकॉप्टर, भारतीय वायुसेना के दो चीता हेलीकॉप्टर और एक नागरिक हेलीकॉप्टर शामिल हैं।

अब तक 50 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन दुर्भाग्यवश इनमें से चार गंभीर रूप से घायल लोगों की मौत हो चुकी हैं। बचाव अभियान के तहत लापता लोगों को खोजने के प्रयास जारी हैं। सेना के मुताबिक, अब भी पांच श्रमिक लापता हैं। इस रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी के लिए सेंट्रल कमांड के जीओसी एनसी लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेन गुप्ता और उत्तर भारत एरिया के जीओसी डीजी मिश्रा दुर्घटना स्थल पर पहुंचे हैं।

माना में दुर्घटना स्थल पर मौजूद लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेन गुप्ता ने बताया कि यह हादसा 28 फरवरी को तब हुआ, जब हिमस्खलन के कारण आठ कंटेनर में श्रमिक दब गए। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, 22 लोग संभवतः बचकर बद्रीनाथ की ओर चले गए, जबकि शेष श्रमिक हिमस्खलन में फंस गए। भारतीय सेना, आईटीबीपी और अन्य एजेंसियों के लगातार प्रयासों से उन्हें बाहर निकाला गया।

पहले दिन के बचाव कार्य में कुछ लोगों को सुरक्षित निकाला गया। जबकि कठिन मौसम और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद सेना और राहत दल रातभर अभियान में जुटे रहे और आज भी यही स्थिति है। सुबह होते-होते 14 और लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। हालांकि, यह क्षेत्र जोशीमठ से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है और सड़कें बर्फ व भूस्खलन से ढकी हुई हैं, जिससे बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं।

फिलहाल, गढ़वाल स्काउट्स और 7 असम रेजिमेंट के जवान लापता श्रमिकों की तलाश में जुटे हैं। माना जा रहा है कि वे अब भी तीन कंटेनरों में फंसे हो सकते हैं, जिनका अभी तक पता नहीं चल सका है। भारतीय सेना ने बचाव अभियान में यूएवी (ड्रोन), रडार और अन्य तकनीकी संसाधनों को तैनात करने की योजना बनाई है, लेकिन खराब मौसम और सड़कों की स्थिति के कारण चुनौतियां हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेन गुप्ता ने बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घटनास्थल का दौरा किया और सभी एजेंसियों से समन्वय बनाकर बचाव अभियान को सफल बनाने का आश्वासन दिया। सभी एजेंसियां इस प्रयास में लगी हुई हैं कि लापता श्रमिकों को जल्द से जल्द खोजा जा सके और अभियान को आज शाम तक पूरा कर लिया जाए।

Leave feedback about this

  • Service