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उत्तराखंड: सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की हड़ताल टली आंदोलन नहीं

Uttarakhand: strike of doctors of government hospitals postponed, not agitation

देहरादून, 3 अक्टूबर । उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल को 15 दिनों तक टाल देने का फैसला लिया है, लेकिन इस दौरान सभी चिकित्सक काली पट्टी बांध कर मरीजों का इलाज करेंगे। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने इसकी घोषणा की है।

प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने बताया कि 4 अक्टूबर से प्रस्तावित हड़ताल को अब 15 दिनों के लिए टाल दिया गया है। हालांकि, इस दौरान सभी डॉक्टर काली पट्टी बांधकर अपने कार्यों को जारी रखेंगे और अपनी मांगों के लिए आंदोलन करते रहेंगे।

प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ और राज्य सरकार के बीच विभिन्न मांगों को लेकर गतिरोध की स्थिति बनी हुई थी। इस संबंध में प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने आठ बिंदुओं पर सहमति जताई है और शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। संघ के महासचिव डॉ. रमेश कुंवर ने कहा कि उनकी मांगों पर त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा के साथ ही लंबित डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) और अन्य एसडीएसीपी के आश्वासन पर उन्होंने अपना आंदोलन फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है।

डॉ. रमेश कुंवर ने बताया कि स्वास्थ्य सचिव के साथ हाल ही में हुई बैठक में नौ सूत्री मांगों में से आठ पर सहमति बनी। इसके बाद संघ ने तय किया कि वह अब 15 दिनों तक आदेश पारित होने का इंतजार करेंगे और इस बीच काली पट्टी बांधकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत, स्वास्थ्य सचिव, अपर सचिव और महानिदेशक का धन्यवाद भी किया, जिन्होंने उनके मुद्दों को सुनने का आश्वासन दिया है। डॉ. कुंवर ने कहा कि संघ की अगली बैठक 18 अक्टूबर को होगी, और यदि इस अवधि में घोषणाओं के अनुसार कोई कार्रवाई नहीं होती, तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

उल्लेखनीय है कि डॉक्टरों ने पदोन्नति के लाभ, 50 फीसदी दुर्गम भत्ता, राजकीय कार्यों के दौरान वाहन भत्ता, डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय, और पीजी करने वाले डॉक्टरों को पूरा वेतन देने की मांग की है।

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