उत्तरकाशी, 24 नवंबर, । सिलक्यारा टनल हादसे को हुए 13 दिन हो गए हैं। टनल में 41 मजदूर अपनी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं। उन्हें बचाने के लिए देश विदेश की तमाम एजेंसियां, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ सभी युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं।
गुरुवार रात से सिलक्यारा टनल में ड्रिलिंग कर रही रेस्क्यू टीमों के आगे एक के बाद एक कई बाधाएं आईं। अब उन बाधाओं को दूर कर लिया गया है। वहीं अब उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया जाएगा।
पीएमओ के पूर्व सलाहकार और उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू साइट पर रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड कर रहे भास्कर खुल्बे ने कहा कि आज शाम तक राहत और बचाव कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
खुल्बे ने बताया कि 11.30 बजे तक ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है। अब सिलक्यारा टनल में 12 मीटर के करीब ड्रिलिंग बची है।
खुल्बे ने बताया कि ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार अध्ययन से पता चला है कि सुरंग के अंदर अगले 5 मीटर तक कोई अवरोध नहीं है। हमें उम्मीद है कि हम आज शाम मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाल लेंगे।
साथ ही भास्कर खुल्बे ने कहा कि स्थिति अब पहले से काफी बेहतर है। गुरुवार रात हमें दो चीजों पर काम करना था। पहला, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म को नया रूप देना था।
दरअसल गुरुवार को अमेरिकन ऑगर मशीन का प्लेटफॉर्म ढह गया। अब इस प्लेटफॉर्म को नया रूप देकर काम के लिए तैयार कर लिया गया है।
खुल्बे ने कहा, पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार का काम किया था। इससे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक सुरंग के रास्ते में कोई धातु अवरोध नहीं है। इसका मतलब है कि हमारी ड्रिलिंग सुचारू होनी चाहिए। जब हम मलबा निकाल रहे थे, तो हमें दो टूटे हुए पाइप मिले।
दरअसल, गुरुवार रात जब उत्तरकाशी टनल में रेस्क्यू कार्य अपने आखिरी चरण की ओर बढ़ रहा था तो अचानक बीच में स्टील पाइप आ गई। जिसके बाद ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया। फिर उस पाइप को काटकर हटाना पड़ा।
वहीं जनरल वीके सिंह गुरुवार से ही उत्तरकाशी में हैं। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार से रेस्क्यू स्थल पर ही डेरा जमाया हुआ है। सीएम समय-समय पर सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों से बात भी कर रहे हैं। उनको आश्वस्त कर रहे हैं कि जल्द उनका सुरक्षित रेस्क्यू होने वाला है।