महर्षि वाल्मीकि की जयंती आज बकलोह छावनी स्थित वाल्मीकि मंदिर में हर्षोल्लास एवं श्रद्धा के साथ मनाई गई। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण से हुई, जिसके बाद पारंपरिक पूजा-अर्चना एवं अनुष्ठान हुए।
पठानिया ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि एक सम्मानित कवि और महाकाव्य रामायण के रचयिता थे, जिनके जीवन से हमें कई प्रेरणादायी सबक मिलते हैं। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि के जीवन में कठिनाइयों और गलतियों से ज्ञानोदय तक का परिवर्तन यह दर्शाता है कि परिवर्तन हमेशा संभव है और हर किसी में सुधार की क्षमता होती है। उन्होंने कहा, “वाल्मीकि का गहन ध्यान और आत्म-साक्षात्कार हमें याद दिलाता है कि धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।”
पठानिया ने बताया कि वाल्मीकि के साहित्यिक योगदान ने मानवता, नैतिकता और धार्मिकता का संदेश फैलाया, जिससे पता चला कि कला और लेखन समाज को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। स्पीकर ने कहा, “वाल्मीकि का जीवन हमें सत्य और धार्मिकता का अनुसरण करना सिखाता है, जो मानव अस्तित्व के मूल सिद्धांत हैं और हमें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और दूसरों के कल्याण के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”
पठानिया ने मंदिर परिसर में शौचालय सहित नागरिक सुविधाओं के विकास के लिए 2 लाख रुपए के योगदान की घोषणा की। उन्होंने स्थानीय निवासियों की चिंताओं को भी सुना और मौके पर ही कई शिकायतों का समाधान किया।
इससे पहले वाल्मीकि कल्याण संघ के अध्यक्ष अशोक सिद्धू ने अध्यक्ष का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने पठानिया के समक्ष स्थानीय विकास के मुद्दे भी उठाए।