सोलन, 7 जुलाई डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी ने अपना वार्षिक वन महोत्सव अभियान शुरू कर दिया है, जिसके तहत विश्वविद्यालय और इसके बाहरी क्षेत्रों में एक महीने तक चलने वाले वनरोपण अभियान की शुरुआत हो गई है।
इस अभियान में मुख्य परिसर, क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों पर गतिविधियां शामिल हैं।
पूरे महीने के दौरान, विश्वविद्यालय के प्रत्येक विभाग और उसके बाहरी क्षेत्रों में वन महोत्सव अभियान के तहत अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में विभिन्न प्रकार के वन और बागवानी पौधों से जुड़े वृक्षारोपण अभियान शामिल होंगे। अभियान का समापन 4 अगस्त को डॉ. वाईएस परमार की जयंती के अवसर पर होगा।
पौध रोग विज्ञान विभाग ने आज सुबह विभागीय फार्मों पर पौधारोपण कार्यक्रम तथा पार्थेनियम उन्मूलन अभियान के साथ इस अभियान का शुभारंभ किया। विभागाध्यक्ष डॉ. एसके शर्मा, वैज्ञानिकों, अन्य कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान 100 से अधिक नीबू और पहाड़ी नींबू (गलगल) के पौधे रोपे गए।
डॉ. शर्मा ने मिट्टी के कटाव से निपटने और संरक्षण प्रयासों का समर्थन करने में वनरोपण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों और कर्मचारियों को इसी तरह की पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने और अपने द्वारा लगाए गए पेड़ों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, धौलाकुआं में भी पौधारोपण अभियान चलाया गया।
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