June 4, 2025
Uttar Pradesh

वाराणसी : अहिल्यादेवी होलकर की जयंती पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का किया आयोजन

Varanasi: National Commission for Women organized a grand cultural program on the birth anniversary of Ahilyadevi Holkar

वाराणसी,4 जून। राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा पुण्यश्लोक माता अहिल्यादेवी होलकर की त्रिशताब्दी जयंती के अवसर पर वाराणसी में दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पुण्यश्लोक माता अहिल्यादेवी होलकर अपनी प्रशासनिक कुशलता, करुणा और जनसेवा के प्रति समर्पण के लिए जानी जाती हैं।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह था कि माता अहिल्यादेवी के जीवन को सभी जानें तथा उनसे आम जन प्रेरणा लेकर देशहित में अपना योगदान दें। इस दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन पुण्यश्लोक माता अहिल्यादेवी के जीवन पर केंद्रित विशेष व्याख्यान का आयोजन हुआ। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

डॉ. कुमार विश्वास ने अपनी ओजस्वी कविताओं और विचारों से कार्यक्रम को विशेष गरिमा प्रदान की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में सदैव से महिला सम्मान को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। प्राचीन काल से ही महिलाओं ने शासन सहित हर क्षेत्र में अपनी योग्यता को प्रमाणित किया है। काशी ने अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती जिस तरह से मनाई, वह प्रशंसा के योग्य है।

उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई ने न केवल काशी के लिए कार्य किया, बल्कि भारत के कई तीर्थस्थलों के लिए भी योगदान दिया। उनका चरित्र सरस्वती, लक्ष्मी और दुर्गा के स्वरूप का अद्भुत संगम है। भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौरान इन महत्वपूर्ण भारतीय व्यक्तित्वों को विश्व स्तर पर प्रचारित करना और उनकी कृतज्ञता व्यक्त करना आवश्यक है।

डॉ. कुमार विश्वास ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र हजारों वर्षों से विद्यमान है, वेदों के इस देश में महिलाओं ने ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति ही नहीं दर्ज की, बल्कि समाज का नेतृत्व करने के साथ-साथ लोगों को नई दिशा दिखाई है। कवि डॉ. कुमार विश्वास ने ‘मैं काशी हूं’ कविता के माध्यम से सभागार में ऊर्जा का नव संचार कर दिया। सभी लोगों ने उनके पीछे कविता पाठ दोहराया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने अपने संबोधन में कहा कि माता अहिल्यादेवी होलकर के जीवन में वे सभी दुर्लभ गुण एक साथ समाहित थे, जो शायद ही किसी एक व्यक्ति में एक साथ देखने को मिलते हैं। वह कुशल राजनीतिज्ञ भी थीं और पराई पीड़ा को भी समझती थीं। उनमें वीरता, विनम्रता, शक्ति और चरित्रबल था। ये सारे सद्गुण आज भी हम सभी महिलाओं को प्रेरित करते हैं।

कार्यक्रम के अंतर्गत पुण्यश्लोक माता अहिल्यादेवी होलकर के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी और रंगोली का आयोजन भी किया गया।

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