March 5, 2025
Uttar Pradesh

वाराणसी : संत रविदास जयंती की पर उनकी जन्मस्थली सीर गोवर्धन में जुटे अनुयायी

Varanasi: On the occasion of Sant Ravidas Jayanti, followers gathered at his birthplace Seer Govardhan.

वाराणसी, 12 फरवरी । पूरा देश संत शिरोमणि रविदास को उनकी 648वीं जयंती पर याद कर रहा है। वाराणसी स्थित सीर गोवर्धन क्षेत्र के प्रसिद्ध संत रविदास मंदिर में भी उनके अनुयायी जुट रहे हैं।

सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने संत रविदास की प्रतिमा के समक्ष मत्था टेका और भक्ति भाव से पूजन-अर्चन किया। इस मौके पर विशेष भजन-कीर्तन और प्रवचन का आयोजन भी किया गया, जिसमें संतों और विद्वानों ने संत रविदास के जीवन और उनके उपदेशों पर प्रकाश डाला। उनके विचारों को याद करते हुए वक्ताओं ने कहा कि उन्होंने समाज में समानता, प्रेम और भक्ति का संदेश दिया, जो आज भी प्रासंगिक है।

पंजाब से आए श्रद्धालु बलवीर सिंह ने इस अवसर पर अपनी भावनाएं प्रकट करते हुए कहा, “हमारे श्री गुरु रविदास महाराज जी की आज जयंती है। यह पर्व हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी को शिक्षा का मार्ग दिखाया, भक्ति की और समाज को नई दिशा दी। वह नेकी और सत्य के प्रतीक हैं। मैं उन्हें कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं।”

मंदिर समिति के अनुसार, इस वर्ष पहले की तुलना में अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की गई। मंदिर परिसर में सफाई, जल आपूर्ति और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी। पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ चिकित्सा शिविर भी लगाए गए ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जा सके।

श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला। विभिन्न राज्यों से आए अनुयायियों ने शोभा यात्रा में भाग लिया और भजन-कीर्तन करते हुए नगर में संत रविदास के संदेश का प्रचार किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने आपसी प्रेम और भाईचारे का परिचय देते हुए उन्हें याद किया।

बता दें कि संत रविदास का जन्म वाराणसी के गोवर्धनपुर गांव में 15वीं शताब्दी में हुआ था। उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से समाज में व्याप्त ऊंच-नीच और भेदभाव को समाप्त करने की शिक्षा दी। उनके भजन और शिक्षाएं आज भी करोड़ों अनुयायियों को प्रेरित कर रही हैं। उनकी जयंती न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि सामाजिक एकता और समरसता का प्रतीक भी है।

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