November 19, 2024
Haryana

टेक यूनिवर्सिटी के वीसी ने कहा, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है

दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल के कुलपति प्रोफेसर श्रीप्रकाश सिंह ने कहा कि भारत ने एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया है जो नए विचारों को पोषित करता है और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान तैयार करता है।

कुलपति सिंह विश्वविद्यालय में यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया एजुकेशनल फाउंडेशन (यूएसआईईएफ) के फुलब्राइट स्पेशलिस्ट प्रोग्राम के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित ‘जीनोम एनोटेशन के लिए जैव सूचना’ विषय पर तीन सप्ताह की अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।

प्रोफेसर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूरदर्शी सार्वजनिक नीतियों के माध्यम से नवाचार और उद्यमिता को अभूतपूर्व प्रोत्साहन दिया है।

उन्होंने आगे कहा कि ‘स्टार्टअप इंडिया’ एक ‘स्टैंडअप इंडिया’ पहल थी जिसे 2015 में लॉन्च किया गया था। इस पहल ने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बना दिया है, जिसमें 56 औद्योगिक क्षेत्रों में 1,12,000 से अधिक स्टार्टअप फैले हुए हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान कार्यशाला मुख्य रूप से जैव सूचना विज्ञान के उभरते क्षेत्र पर केंद्रित थी। जैव सूचना विज्ञान विज्ञान का एक अंतःविषय क्षेत्र है जो जैविक डेटा का अध्ययन करने के लिए कंप्यूटर प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है। यह जटिल जैविक डेटा को प्रबंधित करने, विश्लेषण करने और व्याख्या करने के लिए कम्प्यूटेशनल टूल और तकनीकों के उपयोग पर केंद्रित है। जीवन के आणविक आधारों में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए डीएनए और प्रोटीन अनुक्रम जैसी जैविक जानकारी को डिकोड करने में जैव सूचना विज्ञान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कुलपति सिंह ने कहा कि जैव सूचना विज्ञान ने शोधकर्ताओं को बड़े डेटा सेट को समझने, पैटर्न की पहचान करने और सार्थक जैविक अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में मदद की है।

बायोटेक्नोलॉजी विभाग के डीन एवं विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जेएस राणा ने बताया कि विभाग 28 नवंबर से ‘जीनोम एनोटेशन के लिए बायोइनफॉरमैटिक्स’ विषय पर तीन सप्ताह की अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का आयोजन यूएसआईईएफ-फुलब्राइट स्पेशलिस्ट प्रोग्राम 2023-2024 के तहत किया जाएगा, जिसमें कनेक्टिकट स्टेट कम्युनिटी कॉलेज, यूएसए की फुलब्राइट स्पेशलिस्ट प्रोफेसर शेरोन गुस्की की विशेष उपस्थिति रहेगी।

प्रोफेसर राणा ने कहा कि कार्यशाला में चालीस प्रतिभागी भाग लेंगे, जो छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए लाभदायक साबित होगी।

राणा ने कनेक्टिकट स्टेट कम्युनिटी कॉलेज, यूएसए से प्रोफेसर शेरोन बेथ गुस्की और विलियम गुस्की का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में जीनोम एनोटेशन के लिए जैव सूचना विज्ञान के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रतिभागियों को यह सिखाया जाएगा कि जीनोम एनोटेशन दवा की खोज, जीन फ़ंक्शन की भविष्यवाणी, वैक्सीन विकास और आणविक निदान में कैसे सहायक है।

उन्होंने कहा कि फुलब्राइट स्पेशलिस्ट प्रोग्राम अमेरिकी सरकार की एक पहल है जो अल्पकालिक, परियोजना-आधारित शैक्षणिक आदान-प्रदान के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देती है। ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य मेजबान देशों में ज्ञान साझा करने, क्षमता निर्माण और पेशेवर विकास की सुविधा प्रदान करके आपसी समझ का निर्माण करना और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना है।

कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर किरण नेहरा, आयोजन सचिव प्रोफेसर अनिल सिंधु, प्रोफेसर पामेला, प्रोफेसर रीति चौधरी आदि उपस्थित थे।

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