भोपाल, 3 अक्टूबर । कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडाराव की ओर से वीर सावरकर पर दिए गए विवादित बयान ने राजनीतिक हलकों में तूफान खड़ा कर दिया। उनके बयान पर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि वीर सावरकर को कांग्रेस के नेताओं की सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। कांग्रेस एक सूत्रीय एजेंडे पर काम कर रही है, जो केवल गांधी और नेहरू परिवार का महिमामंडन करना है। कांग्रेस की यह आदत रही है कि वह वीर सावरकर या ऐसे क्रांतिकारियों का अपमान करती है, जिन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर किया। कांग्रेस का मुख्य मुद्दा हमेशा नेहरू परिवार का महिमामंडन करना रहा है।
उन्होंने कहा कि वीर सावरकर हमारे हीरो हैं, हीरो थे और हीरो रहेंगे। वीर सावरकर को कांग्रेस या उसके किसी भी नेता के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। यह देश हर समय वीर सावरकर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता आया है और आगे भी करता रहेगा। वीर सावरकर को दो बार काले पानी की सजा सुनाई गई थी और उन्होंने पूरी जिंदगी अंग्रेजों से देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। उन्हें कांग्रेस जैसे फर्जी दलों या उनके नेताओं के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।
बता दें कि दिनेश गुंडू राव ने बुधवार को गांधी जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम में दावा किया था कि वीर सावरकर एक ब्राह्मण थे, फिर भी मांसाहारी थे। उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना के मुकाबले सावरकर को ज्यादा कट्टरपंथी बताया।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि वीर सावरकर एक ब्राह्मण थे, लेकिन वह मांसाहारी थे और बीफ खाते थे। उन्होंने कभी गाय के वध का विरोध नहीं किया। इस विषय पर उनकी सोच काफी आधुनिक थी। उनके विचार एक तरह से कट्टरपंथी थे, जबकि दूसरी तरफ वह आधुनिकता को अपनाते थे। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि वह खुलकर मांस खाते थे और इसका प्रचार करते थे।