N1Live Himachal सेवानिवृत्त सैनिकों ने राष्ट्रीय सुरक्षा में बीएसएफ के योगदान की सराहना की
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सेवानिवृत्त सैनिकों ने राष्ट्रीय सुरक्षा में बीएसएफ के योगदान की सराहना की

Veterans laud BSF's contribution to national security

निचले कांगड़ा क्षेत्र के नूरपुर, जवाली, फतेहपुर और इंदौरा उप-मंडलों के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के सेवानिवृत्त कर्मियों ने सोमवार को नूरपुर के निकट गंगथ में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का 61वां स्थापना दिवस मनाया। सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और सीआईएसएफ के पूर्व सदस्यों ने भी बड़े उत्साह के साथ इसमें भाग लिया।

हिमवीर जागृति मंच के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले अर्धसैनिक बलों के वीर जवानों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। शहीदों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया। मंच के सचिव जरनैल सिंह डडवाल ने पिछले वर्ष संगठन द्वारा चलाए गए विभिन्न सामाजिक सेवा कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला तथा अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए इसके सदस्यों की सराहना की।

समारोह की अध्यक्षता आईजी (सेवानिवृत्त) रमेश सिंह ने की। अपने संबोधन में, उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ कर्मियों के योगदान की सराहना की और बांग्लादेश सीमा पर स्थिति को संभालने में उनकी भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, “इसी तरह, सीआरपीएफ ने नक्सलवाद की कमर तोड़ दी है।”

इस अवसर पर मंच ने घोषणा की कि वह प्रत्येक उप-विभाग में एक स्कूल का चयन करेगा तथा प्रत्येक स्कूल में दसवीं कक्षा के दो मेधावी विद्यार्थियों को 3,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।

इसने राजकीय महाविद्यालय, देहरी के सहयोग से 10 अप्रैल और 11 नवंबर को वज़ीर राम सिंह पठानिया की जयंती और पुण्यतिथि पर वार्षिक प्रतियोगिताओं के आयोजन की भी घोषणा की। हालाँकि पठानिया को देश का पहला स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है, लेकिन उन्हें औपचारिक रूप से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीद के रूप में मान्यता नहीं दी गई है। अंतर-विद्यालय प्रतियोगिताओं के विजेताओं को मंच की ओर से नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएँगे।

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