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उपराष्ट्रपति का 15 मई को राजस्थान दौरा, जयपुर में भैरों सिंह शेखावत स्मारक पुस्तकालय का करेंगे उद्घाटन

Vice President's visit to Rajasthan on May 15, will inaugurate Bhairon Singh Shekhawat Memorial Library in Jaipur

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार 15 मई को राजस्थान के दौरे पर रहेंगे, जहां वह जयपुर में भैरों सिंह शेखावत स्मारक पुस्तकालय का उद्घाटन करेंगे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजस्थान दौरे की जानकारी पीआईबी ने एक प्रेस रिलीज के जरिए दी।

पीआईबी के मुताबिक, भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवं उनकी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ जयपुर (राजस्थान) के एक दिवसीय दौरे पर जाएंगे। अपने इस दौरे पर धनखड़ जयपुर में पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत की पुण्यतिथि के अवसर पर भैरों सिंह शेखावत स्मारक पुस्तकालय का उद्घाटन करेंगे। भैरों सिंह शेखावत 19 अगस्त, 2002 से 21 जुलाई, 2007 तक भारत के 11वें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्यरत रहे। भैरों सिंह शेखावत ने अपने राजनीतिक जीवन का आरंभ 1952 में राजस्थान विधानसभा के सदस्य के रूप में किया और कालांतर में वह तीन बार राजस्थान राज्य के मुख्यमंत्री बने।

प्रेस रिलीज में आगे बताया गया कि भैरों सिंह शेखावत की 15वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ विशेष विमान के द्वारा दिल्ली से जयपुर के लिए रवाना होंगे, जिसके बाद वह हेलीकॉप्टर के माध्यम से विद्याधर नगर स्टेडियम स्थित कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे। इस कार्यक्रम के अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला, केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, संसद सदस्य मदन राठौर एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहेंगे।

इससे पहले मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नई दिल्ली में मेघालय के गारो हिल्स, खासी हिल्स और जयंतिया हिल्स क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा था, “हमारे देश का उत्तर पूर्वी हिस्सा हमारा रत्न है। 90 के दशक में यानी लगभग तीन दशक पहले, केंद्र सरकार की एक नीति थी और वह नीति थी ‘लुक ईस्ट’। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नीति को एक नया आयाम दिया, ‘लुक ईस्ट’ से ‘एक्ट ईस्ट’, और यह कार्रवाई बहुत प्रभावी ढंग से हुई है। मेघालय पर्यटकों के लिए स्वर्ग है और प्रकृति का अनमोल उपहार है।”

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