January 10, 2025
Uttar Pradesh

1978 के संभल दंगों के पीड़ितों को अब भी न्याय का इंतजार : राकेश त्रिपाठी

Victims of 1978 Sambhal riots still waiting for justice: Rakesh Tripathi

लखनऊ, 10 जनवरी । संभल में साल 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगे की जांच फिर से की जाएगी। इस मामले में गृह विभाग के उप सचिव और मानवाधिकार आयोग ने संभल के डीएम और एसपी से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है।

संभल दंगों की फिर से जांच के फैसले पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने गुरुवार को एक बयान में कहा, “संभल में बहुत कुछ छुपाया गया था और वहां हुई खुदाई से काफी तथ्य निकलकर सामने आए हैं। इतिहास के पन्ने खुलने से अत्याचार और अन्याय की गाथाओं के बारे में भी पता चला है, जिसमें लोगों की हत्याओं और नरसंहार के बारे में खुलासा हुआ है।”

उन्होंने आगे कहा, “इन मामलों की जांच करना, पीड़ितों को न्याय दिलाना और दोषियों पर कार्रवाई करना जरूरी है। अगर इन सब बातों को लेकर आवाज उठाई जा रही है तो निश्चित रूप से उनकी आवाज को सुना जाना चाहिए। पीड़ितों के परिजनों को अभी भी न्याय की उम्मीद है कि कैसे तत्कालीन सरकारों ने मजहबी तुष्टिकरण के नाम पर उनके साथ अन्याय किया।”

संभल में 1978 दंगों की जांच को फिर से शुरू करने का आदेश दिया गया है। शासन को यह रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर सौंपनी है।

आपको बता दें कि 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी। उस दौरान कुछ शरारती तत्वों ने पुलिस पर पथराव किया था और कई वाहनों में आग लगा दी थी। इस मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। पुलिस सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर रही है।

उसके कुछ ही दिनों बाद संभल में एक प्राचीन कार्तिक महादेव का मंदिर मिला था, जो 46 साल बाद खुला था। इस मंदिर के खुलने के बाद यहां से पलायन कर चुके लोगों ने बताया था कि 1978 में हुए दंगों के कारण वह यह जगह छोड़कर गए थे। उस समय संभल में बहुत सारे हिंदू लोगों की हत्या हुई थी।

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