अमृतसर, 2 दिसंबर 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक का आश्वासन मिलने के बाद 1984 सिख कटले आम पीरत वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने आज अपना विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि 1984 के दिल्ली सिख नरसंहार के पीड़ितों के परिवार अपराधियों के लिए सजा की मांग कर रहे हैं, हालांकि, न्याय अभी भी उनसे दूर है।
उन्होंने कहा कि पिछली राज्य सरकारों ने सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों और रिश्तेदारों के लिए कुछ सामाजिक कल्याण योजनाएं लागू कीं, लेकिन आप सरकार उन्हें पूरी तरह से लागू नहीं कर रही है। सोसायटी के सदस्यों ने विधवा पेंशन को बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति माह करने और राज्य सरकार की नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग की। सोसायटी के सदस्यों ने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद, राज्य में रहने वाले पीड़ितों को बूथ और घर आवंटित नहीं किए गए हैं।
उन्होंने यह भी मांग की कि राज्य सरकार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने के लिए विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र उन दंगों के अपराधियों को दंडित करने में विफल रहा है जिनमें देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग 10,000 सिख मारे गए थे।
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