भोपाल, 15 नवंबर । मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बीच वायरल हुए तीन वीडियो ने राज्य की सियासत में हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस जहां हमलावर है और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का इस्तीफा मांग रही है, वहीं भाजपा तोमर के बचाव में खड़ी है।
राज्य में बीते लगभग एक सप्ताह के दौरान सोशल मीडिया पर तीन वीडियो वायरल हुए। इन वीडियो को कांग्रेस की ओर से मुद्दा बनाया गया और उसे साझा भी किया गया है। यह वीडियो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह से जुड़े हुए हैं।
दो ऐसे वीडियो वायरल हुए हैं जिनमें कथित तौर पर देवेंद्र प्रताप सिंह किसी अन्य व्यक्ति से करोड़ों के लेनदेन की बात कर रहे हैं। तीसरा वीडियो उसी जगमगदीप का आया है जो देवेंद्र प्रताप से बातचीत कर रहा है।
जगमगदीप के बयान के आधार पर कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया है कि 100- 200 करोड़ का यह मामला नहीं है बल्कि 10,000 करोड़ तक का है।
लगातार सामने आ रहे इन वीडियो ने चुनाव में एक नए मुद्दे को जन्म दे दिया है । कांग्रेस इसे मुद्दा बना रही है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ तक भाजपा पर इन वीडियो को लेकर हमलावर हैं।
कांग्रेस की ओर से सवाल उठाए गए हैं कि आखिर क्या वजह है जो वीडियो सामने आने के बावजूद एडी, आईटी और सीबीआई शांत बैठे हैं।
नरेंद्र सिंह तोमर ने इसे साजिश करार दिया है और कहा है कि इस मामले की मेरे पुत्र ने शिकायत की है और जांच के लिए आवेदन भी दिया है।
भाजपा के मीडिया विभाग के प्रमुख आशीष अग्रवाल ने जगमग दीप के वीडियो के स्क्रीन शार्ट के साथ कहा है, देखिए षड्यंत्र की पोल अब खुलनी शुरू हो गई, यह शख्स अपने मोबाइल में जो दिखा रहा है वह उसी में फंस गया, वह जब पुलिस के सामने जाएगा और पुलिस की जांच से गुजरेगा तो उसका क्या होगा। इसने जो स्क्रीनशॉट दिखाया वह किसी ऑक्सीजन कंन्सट्रेटर कंपनी का है। फॉरेंसिक जांच जब होगी तो प्याज के छिलकों की तरह कांग्रेसी षड्यंत्र की परतें भी खुलेंगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री के बेटे से जुड़े वीडियो वायरल होने के बाद केंद्रीय मंत्री के साथ भाजपा की भी मुसीबत बढ़ी है। यह मामला जनता के बीच चर्चा में है और कांग्रेस हमलावर है। चुनाव पर इसका क्या असर होगा यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन केंद्रीय मंत्री चर्चाओं में जरूर आ गए और उनकी छवि पर असर पड़ना तय है।