January 10, 2025
Himachal

विजिलेंस ने अवैध ऋण मामले में होटल मालिक और केसीसीबी अधिकारियों पर मामला दर्ज किया

Vigilance files case against hotel owner and KCCB officials in illegal loan case

सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने ऊना स्थित पुलिस थाने में मैसर्स हिमालय स्नो विलेज और मैसर्स होटल लेक पैलेस के मालिक युद्ध चंद बैंस और कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड (केसीसीबी) के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

युद्ध चंद बैंस और केसीसीबी के अधिकारियों के खिलाफ कल धारा 420, 468, 471, 120-बी आईपीसी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 2018 की धारा 13 (1) और 13 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

हिमाचल सरकार के सचिव (सहकारिता) से सतर्कता विभाग को मिली शिकायत के आधार पर जांच पूरी होने के बाद मामला दर्ज किया गया है। सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए के तहत केसीसीबी के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति भी दे दी है।

सहकारिता सचिव द्वारा की गई जांच में आरोप लगाया गया कि बैंस ने बैंक की अपनी ऋण नीतियों के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के दिशा-निर्देशों की पूरी तरह अवहेलना करते हुए केसीसीबी से कई ऋण लिए। बैंक द्वारा सीधे उधारकर्ताओं को कुल 20 करोड़ रुपये वितरित किए गए।

संपर्क करने पर सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के आईजी बिमल गुप्ता ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है तथा मामले की आगे की जांच जारी है।

विवाद को और तूल देने वाली बात यह है कि जिस व्यक्ति को लोन मिला था, उसने पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के विवेकानंद ट्रस्ट को 11 लाख रुपए दान में दिए थे। शांता कुमार को जब लोन विवाद का पता चला तो उन्होंने लोन लाभार्थी को चेक वापस लौटा दिया।

कांगड़ा सहकारी बैंक ने मनाली में होटल परियोजना के लिए बैंस को 65 करोड़ रुपये की ऋण राशि स्वीकृत की थी। नाबार्ड द्वारा सहकारी बैंकों के लिए तय किए गए ऋण निगरानी नियमों के अनुसार, 40 लाख रुपये से अधिक के ऋण को नाबार्ड द्वारा स्वीकृत किया जाना है।

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