ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने आज कहा कि राज्य में बिजली वितरण और उपभोक्ता सेवाओं में तकनीकी क्रांति आई है। उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 81.92 लाख तक पहुंच गई है, जिनमें से 49.15 लाख उपभोक्ता अब अपने बिजली बिलों का भुगतान डिजिटल तरीके से कर रहे हैं।
मंत्री ने कहा, ‘‘यह न केवल हरियाणा की डिजिटल साक्षरता को दर्शाता है, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए बढ़ी हुई सुविधा, पारदर्शिता और समय की बचत को भी दर्शाता है।’’ विज ने कहा कि हरियाणा में डिजिटल भुगतान का चलन तेजी से बढ़ रहा है।
विज ने कहा, “बिजली वितरण की जिम्मेदारी उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के पास है। उनके कुल मासिक राजस्व का 60 प्रतिशत से अधिक अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्राप्त होता है। शहरों और गांवों दोनों में उपभोक्ता नेट बैंकिंग, क्रेडिट/डेबिट कार्ड, आरटीजीएस, यूपीआई और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भुगतान कर रहे हैं। इससे न केवल बिलिंग प्रक्रिया में तेजी आई है, बल्कि लंबी कतारों में खड़े होने की जरूरत भी खत्म हो गई है।”
उन्होंने कहा कि पिछले 13 वर्षों में कुल तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीएंडसी) घाटे में ऐतिहासिक कमी देखी गई है। उन्होंने कहा कि 2012-13 में घाटा 29.31 प्रतिशत था, जो अब जनवरी 2025 तक घटकर मात्र 10.52 प्रतिशत रह गया है। यूएचबीवीएन ने घाटे को 35.60 प्रतिशत से घटाकर 9.38 प्रतिशत और डीएचबीवीएन ने 23.29 प्रतिशत से घटाकर 11.35 प्रतिशत कर दिया है। मंत्री ने कहा, “यह उपलब्धि स्मार्ट मीटरिंग, लाइन लॉस नियंत्रण, तकनीकी सुधारों और उपभोक्ता जवाबदेही में वृद्धि के कारण है।”