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विजेंद्र गुप्ता ने हायर एजुकेशन में फीस बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली सरकार को घेरा

Vijendra Gupta cornered Delhi government regarding fee increase in higher education.

नई दिल्ली, 21 नवंबर । नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली में हायर एजुकेशन में फीस बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है। उनका कहा है कि दिल्ली सरकार की हायर एजुकेशन व्यवस्था आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही है।

भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार लगातार फीस स्ट्रक्चर में वृद्धि कर रही है। जो बजट इन विश्वविद्यालयों को चलाने के लिए रखा गया था, उसमें हर साल भारी कटौती की जा रही है।

वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी (विश्वविद्यालय) जो भारत सरकार की यूनिवर्सिटी है उसमें सालों से वही फीस स्ट्रक्चर है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के किसी कॉलेज में कोई बीए, बीकॉम की पढ़ाई करता है तो उसे सालाना 10 से 30 हजार रुपये के बीच में यानी की औसत 15 हजार रुपये सालाना देना पढ़ता है। अगर दिल्ली सरकार की किसी यूनिवर्सिटी यही कोर्स कोई करता है तो उसे सालाना 70 हजार रुपये फीस देनी होगी।

टेक्निकल एजुकेशन को लेकर उन्होंने कहा कि टेक्निकल एजुकेशन में डीटीयू और एनएसयूटी जैसे जो विश्वविद्यालय हैं, इनमें 2023-24 में बजट का एनएसयूटी में 80 करोड़ था जो घटाकर 56 करोड़ कर दिया गया है। इसी तरह डीटीयू में जो बजट 2023-24 में 56 करोड़ था, उसे घटाकर 41 करोड़ रुपये कर दिया गया।

इसी तरह पिछले पांच साल में डीटीयू की फीस में जबरदस्त वृद्धि की गई है। जहां फीस 2017, 2018-19 में मात्र एक लाख 51 हजार थी। वह 2023-24 में बढ़कर दो लाख 36 हजार रुपये हो गई है।

दिल्ली सरकार की यूनिवर्सिटी के जो हॉस्टल हैं उसमें हॉस्टल फीस के तौर पर 2021-22 में एक छात्र से सालाना 20 हजार रुपये लिए जाते थे। इसमें 2022-23 में अचानक 300 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई। एक छात्र से 60 हजार रुपये सालाना फीस ली जा रही है। आम आदमी अपने बच्चों को दिल्ली सरकार के विश्वविद्यालयों में शिक्षा नहीं दे सकते। वो शिक्षा उनकी पहुंच के बाहर हो गई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सराकर युवाओं के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, उनके अधिकारों को छीना जा रहा है। आप सरकार एक तरफ तो शीश महल जैसे शाही घर बनाकर उसमें सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च कर रही है। पानी भ्रष्टाचार की भेंट चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ युवाओं से उनका हक छीना जा रहा है। उनसे अधिक फीस वसूली जा रही है।

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