February 5, 2025
Haryana

ग्रामीणों ने कांग्रेस की हार के लिए मतदाताओं के ध्रुवीकरण और नेताओं के अति आत्मविश्वास को जिम्मेदार ठहराया

Villagers blamed polarization of voters and overconfidence of leaders for Congress’s defeat.

हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विधानसभा क्षेत्र गढ़ी सांपला-किलोई के गांवों में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अप्रत्याशित हार को लेकर चिंता का माहौल है।

सरसरी निगाह डालने पर ऐसा लग सकता है कि गांवों में सब कुछ सामान्य है, लेकिन यहां के निवासी सामान्य बातचीत में भी अपनी निराशा नहीं छिपा पाते। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार गांव की चौपालों पर हुक्के की कश और ताश के खेल के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।

निर्वाचन क्षेत्र के बोहर गांव के निवासी दर्शन कहते हैं, “हमने चुनाव में कांग्रेस को वोट दिया था और उम्मीद थी कि हुड्डा मुख्यमंत्री बनेंगे। चुनाव के नतीजे हमारे लिए चौंकाने वाले थे।”

उन्होंने स्वीकार किया कि जाट और गैर-जाट मतदाताओं का ध्रुवीकरण, पार्टी में अंदरूनी कलह, विशेषकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा से जुड़ा प्रकरण, विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के प्रमुख कारण थे।

एक अन्य ग्रामीण सुखबीर सिंह कहते हैं, “पार्टी कार्यकर्ताओं की जमीनी रिपोर्ट को नजरअंदाज करना और मौजूदा विधायकों को मैदान में उतारना भी गलत निर्णय साबित हुआ, जिसके कारण कई कांग्रेस उम्मीदवारों को अपनी सीटें गंवानी पड़ीं।”

इसी गांव के निवासी राम कुमार ने कहा कि कांग्रेस नेताओं का अति आत्मविश्वास और जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन की कमी भी हार का कारण बनी।

गांव के निवासी अजीत सिंह, सतबीर, फूल कुंवर, मंजीत, हंसराज और दिलबाग ने कहा, “जबकि भाजपा नेतृत्व ने अपनी चुनावी रणनीति बनाई और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को विशिष्ट जिम्मेदारियां सौंपी, ऐसा लग रहा था जैसे निवासी कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ रहे हों।”

दर्शन ने चुटकी लेते हुए कहा, “ऐसा लगता है कि कांग्रेस सत्ता की जलेबी का स्वाद चखने ही वाली थी, लेकिन वह मौका चूक गई।” पूर्व मुख्यमंत्री के पैतृक गांव सांघी के निवासी राज सिंह हुड्डा कांग्रेस की हार के लिए ईवीएम की कथित हैकिंग को जिम्मेदार ठहराते हैं।

बहरहाल, कुछ निवासियों का मानना ​​है कि कांग्रेस की हार के पीछे के कारण समझ से परे हैं।

सांघी गांव के अनिल और हितेश कहते हैं, “हम उन कारणों को नहीं समझ पा रहे हैं, जिनकी वजह से विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली, क्योंकि सभी परिस्थितियां और जनमत कांग्रेस के पक्ष में थे। हम यह भी नहीं समझ पा रहे हैं कि इसका दोष ईवीएम पर डालें, टिकटों के आवंटन पर, आपसी कलह पर या किसी और कारण पर।”

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