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ग्रामीणों ने की फूलकां और मोरीवाला के बीच अंडरब्रिज की मांग

Villagers demanded an underbridge between Phulakan and Moriwala

सिरसा जिले के फूलकां और मोरीवाला गांवों के बीच अंडरब्रिज का मामला अब केंद्र सरकार तक पहुंच गया है। समस्या यह है कि इन गांवों के बीच से रेलवे लाइन गुजरती है, जिससे दूसरे इलाकों तक पहुंच आसान नहीं है। रेलवे लाइन पर न तो कोई लेवल क्रॉसिंग है और न ही कोई पुल है, जिससे ग्रामीणों को अपने खेतों तक पहुंचने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ता है।

मोरीवाला गांव राष्ट्रीय राजमार्ग 9 पर स्थित है और थोड़ी ही दूरी पर सिरसा माइनर नहर है। करीब 1.5 किलोमीटर आगे भटिंडा रेलवे लाइन है। फूलकां और मोरीवाला के बीच की दूरी करीब 4 किलोमीटर है, लेकिन लेवल क्रॉसिंग न होने की वजह से ग्रामीणों को दूसरे रास्तों से 7 से 8 किलोमीटर अतिरिक्त सफर करना पड़ता है।

दोनों गांवों की पंचायतों ने सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी है। जवाब में सांसद कुमारी शैलजा ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर दोनों गांवों के बीच अंडरब्रिज बनवाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि रेलवे लाइन दोनों गांवों से होकर गुजरती है, जिससे किसानों और मजदूरों को अपने खेतों और आसपास के गांवों तक पहुंचने में काफी दिक्कत होती है।

प्रस्तावित 27.5 फीट चौड़ा अंडरब्रिज न केवल इन दो गांवों को मदद करेगा, बल्कि आसपास के 25 से 30 गांवों को राष्ट्रीय राजमार्ग 9 से जोड़ेगा, जिससे समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा। मोरीवाला, फूलकां, भावदीन और अन्य गांवों को इससे सीधा लाभ होगा।

मोरीवाला गांव के निवासी बलविंदर सिंह ने बताया कि इन गांवों में आधे से ज़्यादा कृषि भूमि रेलवे लाइन के दूसरी तरफ़ स्थित है और वहाँ कोई लेवल क्रॉसिंग या पुल नहीं है। इससे गंभीर समस्याएँ पैदा होती हैं, क्योंकि ट्रैक्टर और बैलगाड़ियाँ पटरियों को पार नहीं कर सकतीं और मोटरसाइकिलें रेल के ऊपर से गुज़रती हैं। ग्रामीणों को फूलकाँ पहुँचने के लिए माइनर नहर के ज़रिए एक लंबी, कच्ची सड़क लेनी पड़ती है, जिससे उनकी यात्रा में लगभग 3 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी बढ़ जाती है।

फूलकां के सरपंच कैलाश राठी ने बताया कि गांव वालों को पहले फूलकां पहुंचना पड़ता है, फिर सिकंदरपुर रेलवे क्रॉसिंग पार करके कच्ची नहर वाली सड़क से होकर अपनी फसल बेचने के लिए बाजार जाना पड़ता है। सिरसा की मंडी तक सीधी पहुंच न होने से किसानों को अनावश्यक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

रेलवे लाइन पुरानी है, लेकिन अभी तक कोई लेवल क्रॉसिंग नहीं बनाई गई है। सरकार बदलने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। हाल ही में मुख्यमंत्री के इलाके के दौरे से ग्रामीणों को उम्मीद है कि समस्या का समाधान हो जाएगा।

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