मृतक विमल नेगी के परिवार और दोस्तों ने आज हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा मामले को सीबीआई को सौंपे जाने के फैसले का स्वागत किया और कहा कि इस आदेश से न्याय मिलने की उनकी उम्मीदें जगी हैं। विमल नेगी के भाई सुरेंद्र नेगी ने कहा, “हम मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए उच्च न्यायालय के बहुत आभारी हैं। हम राज्य की जांच एजेंसियों से सारी उम्मीदें खो चुके थे। अब हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।”
सुरेंद्र ने राज्य सरकार और पुलिस पर तथ्यों को दबाने और जांच को भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही उन अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे, जिन्होंने जांच में गड़बड़ी करने की कोशिश की है। उन्होंने आरोप लगाया, “हम शिकायतकर्ता थे, लेकिन पुलिस ने विमल नेगी की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी। उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की कि वह डिप्रेशन में है। इससे साफ पता चलता है कि जांच को दूसरी दिशा में ले जाने और एफआईआर में नामजद उच्च अधिकारियों को बचाने की कोशिश की जा रही थी।”
एक रिश्तेदार ने बताया कि विमल नेगी का गायब मोबाइल फोन और उसके शव पर मिले पेन ड्राइव के इर्द-गिर्द बुनी गई कहानी भी साबित करती है कि जांच केवल उच्च अधिकारियों को बचाने के लिए एक दिखावा मात्र थी। उन्होंने दावा किया, “पूरी घटना के पीछे बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है और हमें संदेह है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या थी।”
इस बीच हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों ने भी अदालत के फ़ैसले का स्वागत किया है। विमल नेगी के सहकर्मी ने कहा, “मुझे बहुत ख़ुशी है कि मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है। अब हमें उम्मीद है कि सच सामने आएगा।”
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