February 10, 2025
Uttar Pradesh

महाकुंभ में विश्व हिंदू परिषद का ऐलान, मंदिर मुक्ति आंदोलन को निर्णायक मोड़ देने का संकल्प

Vishwa Hindu Parishad’s announcement in Mahakumbh, resolution to give a decisive turn to the temple liberation movement

प्रयागराज, 10 फरवरी । विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने महाकुंभ मेला क्षेत्र से रविवार को एक बड़ा ऐलान किया है। बैठक के दौरान विहिप ने संकल्प लिया कि वह मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के अभियान को अब निर्णायक मोड़ पर ले जाएगा। बैठक में देश-विदेश से आए 950 से अधिक प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया और आंदोलन को तीन चरणों में संचालित करने की रणनीति बनाई है।

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने मीडिया को बताया कि मंदिर मुक्ति आंदोलन को प्रभावी और मजबूत बनाने के लिए तीन चरणों में अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अभियान सरकार के नियंत्रण में चल रहे हिंदू मंदिरों को स्वतंत्रता दिलाने के उद्देश्य से शुरू किया जाएगा।

आलोक कुमार ने बताया कि पहले चरण में प्रत्येक राज्य के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर यह मांग रखी जाएगी कि सरकार हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करे। इसके साथ ही, उत्तर भारत और दक्षिण भारत में विशाल जनसभाओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे इस मुद्दे पर जन जागरण फैलाने का प्रयास किया जाएगा। इस चरण का उद्देश्य लोगों को इस आंदोलन से जोड़ना और सरकार पर दबाव बनाना है।

वहीं, दूसरे चरण में प्रत्येक राज्य की राजधानी और प्रमुख महानगरों में बौद्धिक समाज की सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इसमें समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को जोड़ा जाएगा, ताकि व्यापक जनसमर्थन प्राप्त किया जा सके। आलोक कुमार ने बताया कि इस चरण में समाज के सभी वर्गों को इस मुद्दे की गंभीरता और महत्ता से अवगत कराया जाएगा। इसके बाद, तीसरे और अंतिम चरण में उन राज्यों में जहां यह मुद्दा अधिक गंभीर है, विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों से मिलकर इस पर दबाव बनाया जाएगा। इस चरण में मंदिरों की स्वतंत्रता के समर्थन में प्रस्तावित कानून का प्रारूप भी सरकार को सौंपा जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अभियान मंदिरों को पूर्ण स्वतंत्रता दिलाने के लिए होगा।

आलोक कुमार ने आगे कहा कि विहिप का उद्देश्य केवल उन मंदिरों की मुक्ति है, जो वर्तमान में सरकारी नियंत्रण में हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इन मंदिरों की आय का उपयोग केवल हिंदू समाज के धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए किया जाएगा। इसके लिए एक पारदर्शी लेखा व्यवस्था और अंकेक्षण प्रणाली स्थापित की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मंदिरों की आय का सही तरीके से उपयोग हो।

विहिप ने मंदिर प्रशासन में संपूर्ण हिंदू समाज की सहभागिता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। आलोक कुमार ने कहा कि बैठक में मंदिर ट्रस्टों में सभी वर्गों, महिलाओं और अनुसूचित समाज के प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर बल दिया गया। इसके अलावा, मंदिरों के अर्चकों, पुरोहितों और अन्य कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन और भत्तों में कोई कटौती नहीं की जाएगी। उनका वेतन राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन से कम नहीं होगा, और उन्हें उचित सुविधाएं दी जाएंगी ताकि वे आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें।

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