March 3, 2025
Uttar Pradesh

रामलला का दर्शन करना मेरे जीवन का अद्भुत और परम आनंद : साध्वी ऋतंभरा

Visiting Ramlala is a wonderful and ultimate joy of my life: Sadhvi Ritambhara

अयोध्या, 3 मार्च । साध्वी ऋतंभरा ने शनिवार को रामलला के दर्शन को अपने जीवन का अद्भुत और परम आनंद बताया। उन्होंने कहा कि भगवान की कृपा से मुझे यह सौभाग्य प्राप्त हुआ।

साध्वी ने आगे कहा, “कई लोग इस दृश्य को देखे बिना चले गए। लेकिन, मुझे यह सौभाग्य मिला। इस मंदिर की स्थापना मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य था, जो आज साकार हुआ।”

साध्वी ने कुंभ मेले के अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने कहा, “कुंभ मेले में 65 करोड़ लोग एकत्र हुए और यह एकता का प्रतीक बना। इस बार युवाओं ने धर्म के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति दिखाई, जिससे साबित हुआ कि भारत की युवा शक्ति धर्म के प्रति जागरूक है।”

साध्वी ने कहा कि कुंभ ने उन्हें एकता और धर्म के प्रति समर्पण का अहसास कराया।

उन्होंने यह भी कहा कि इस बार का कुंभ पूरी दुनिया के लिए एक संदेश था, जिसमें भारत के युवा भस्म लगाकर ‘हर हर बम बम’ और ‘जय गंगे’ का उद्घोष कर रहे थे।

साध्वी ने उत्तर प्रदेश की जनता की सेवा की सराहना करते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश को राम, कृष्ण, विश्वनाथ और मां विंध्यवासिनी का आशीर्वाद है। यहां की जनता ने देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा की है, जो वंदनीय है।”

साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि धर्म कार्यों में रणनीति नहीं, बल्कि परमात्मा की इच्छा चलती है। अयोध्या, मथुरा और काशी का जुड़ाव एक दिव्य संकल्प है, जो समय के साथ पूरा होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में संघर्ष और काशी विश्वनाथ में सत्य की विजय का प्रमाण है।

साध्वी ने सनातन बोर्ड की बात की और कहा कि वक्फ बोर्ड के द्वारा भूमि हथियाने की कोशिश नाकाम होनी चाहिए। भारत में षड्यंत्र रचने वाले अंत में हार जाते हैं।

साध्वी ने एमके स्टालिन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत की विविधता में एकता है। हमारी मातृभाषाएं तमिल, तेलुगू, ब्रज और पंजाबी हैं। लेकिन हिंदी, हिंदू और हिंदुस्तान की अवधारणा पर कोई आंच नहीं आ सकती। भारत अब जाग चुका है और किसी भी भाषा, प्रांत या पार्टी के द्वारा इसे बांटा नहीं जा सकता।”

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