वक्फ संशोधन बिल को लेकर देश में बयानबाजियों का दौर जारी है। बिल के विरोध में कई मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। इस बीच, बिहार में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि वक्फ बोर्ड की जायदाद मुस्लिम अल्पसंख्यकों के पूर्वजों की जायदाद है।
उन्होंने आगे कहा कि यह जायदाद गरीबों की, अनाथों की, विधवाओं और आमजनों की सेवा के लिए लगाई जाती है और इसका प्रोटेक्शन करना हुकूमत की जिम्मेदारी है। लेकिन कहीं न कहीं से उन मुस्लिमों को आज उनके पूर्वजों की संपत्ति से भी वंचित रखा जा रहा है जिनकी मस्जिदों को तोड़ा गया, जिनकी दाढ़ियां नोची गई, जिनकी टोपियां उछाली गई।
उन्होंने कहा कि आज उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल रही है, सरकारी ठेके नहीं मिल रहे हैं। कारोबार का मौका नहीं मिल रहा है। उनके पूर्वजों की संपत्ति पर भी डाका डाला जा रहा है। अगर यह काला कानून पास हो गया तो देश में सिविल वार पैदा हो जाएगा और सरकार ऐसी स्थिति पैदा करना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि कई मुस्लिम संगठनों ने सोमवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के विरोध में प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले लोगों का कहना है कि सरकार की दखलअंदाजी हम वक्फ बोर्ड पर नहीं चाहते और इसलिए हम आज इस बिल का विरोध करने के लिए यहां आए हैं।