November 26, 2024
National

वक्फ संशोधन विधेयक : शुक्रवार को जेपीसी की दूसरी बैठक में मुस्लिम संगठन रखेंगे अपना पक्ष

नई दिल्ली, 30 अगस्त । वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर विस्तार से विचार-विमर्श करने के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की दूसरी बैठक शुक्रवार को संसद भवन एनेक्सी में होगी।

जेपीसी ने बिल पर अपना-अपना पक्ष रखने के लिए शुक्रवार को कई मुस्लिम संगठनों को आमंत्रित किया है। ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत-ए-उलेमा, मुंबई; इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स, नई दिल्ली; उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड; और राजस्थान मुस्लिम वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि शुक्रवार को जेपीसी की बैठक में बिल को लेकर अपना-अपना पक्ष रखेंगे।

आपको बता दें कि इससे पहले जेपीसी की पहली बैठक पिछले सप्ताह 22 अगस्त को हुई थी जो काफी हंगामेदार भी रही थी। पहली बैठक में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के प्रतिनिधियों द्वारा ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ और इस विधेयक में पेश किए जाने वाले प्रस्तावित संशोधनों के बारे में जानकारी दी गयी थी, लेकिन विपक्षी दल इससे संतुष्ट नजर नहीं आए थे। पिछली बैठक में भाजपा और विपक्षी सांसदों के बीच बिल के उद्देश्य और इसके प्रावधानों को लेकर तीखी बहस भी हुई थी। विपक्षी दलों के रवैये को देखते हुए शुक्रवार की बैठक के भी हंगामेदार रहने की उम्मीद जताई जा रही है।

‘वक्फ ( संशोधन) विधेयक, 2024’ पर विचार-विमर्श करने के लिए बनाए गए दोनों सदनों के इस संयुक्त पैनल में विभिन्न राजनीतिक दलों के 31 सांसद शामिल हैं। इनमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सांसद शामिल हैं। लोकसभा सदस्‍यों में जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय, डी.के. अरुणा, गौरव गोगोई, इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, मौलाना मोहिबुल्लाह, कल्याण बनर्जी, ए. राजा, लावु श्री कृष्ण देवरायलु, दिलेश्वर कामेत, अरविंद सावंत, एम. सुरेश गोपीनाथ, नरेश गणपत म्हस्के, अरुण भारती और असदुद्दीन ओवैसी समिति में हैं। वहीं, राज्यसभा से बृज लाल, मेधा विश्राम कुलकर्णी, गुलाम अली, राधा मोहन दास अग्रवाल, सैयद नसीर हुसैन, मोहम्मद नदीमुल हक, वी. विजयसाई रेड्डी, एम. मोहम्मद अब्दुल्ला, संजय सिंह और डी. वीरेंद्र हेगड़े को समिति में शामिल किया गया है।

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल जेपीसी के अध्यक्ष हैं। विधेयक पर विचार करने के बाद जेपीसी को संसद के अगले सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।

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