N1Live National क्या वरिष्ठ वकील के लिए सांसद पद से इस्तीफा देने से मालीवाल का इनकार बना हमले का कारण?
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क्या वरिष्ठ वकील के लिए सांसद पद से इस्तीफा देने से मालीवाल का इनकार बना हमले का कारण?

Was Maliwal's refusal to resign as MP for the sake of a senior lawyer the reason for the attack?

नई दिल्ली, 18 मई । 13 मई की सुबह जब से यह खबर आई है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार ने सीएम आवास पर आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्यों में से एक दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष और वर्तमान में आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की है, तब सेे यह सवाल हवा में तैर रहा है इस शर्मनाक घटना के पीछे क्या कारण था?

कहानी और भी जटिल लग रही है, क्योंकि बिभव कुमार केजरीवाल के एनजीओ के दिनों से ही उनके करीबी सहयोगी के रूप में काम कर रहे हैं और मालीवाल का उस सेटअप में लंबे समय तक अपना कद था।

जो प्रारंभिक विवरण सामने आए हैं, उससे कुछ और भी प्रतीत होता है। मालीवाल की एफआईआर में रोंगटे खड़े कर देने वाले विवरण हैं कि कैसे बिभव कुमार ने उनकी छाती, पेट और पेल्विक क्षेत्र पर पिटाई की। कुछ अन्य विवरण छूट गए हैं, शायद उनकी एफआईआर में आवश्यकता नहीं थी।

विश्वसनीय सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि मालीवाल द्वारा आप के राज्यसभा सांसद के रूप में पद छोड़ने के लिए पूर्व-मसौदा त्याग पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के कारण केजरीवाल के करीबी सहयोगी ने उन पर हमला किया।

सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व, मालीवाल की सीट को एक वरिष्ठ वकील को देने काे इच्छुक है, जो अदालतों में केजरीवाल का मुकदमा देख रहे हैं। इस साल जनवरी में, मालीवाल को दिल्ली से आप के राज्यसभा सदस्य के रूप में चुना गया था। इनका कार्यकाल 2030 में समाप्त होगा।

राज्यसभा सीट के लिए होने वाले उप-चुनाव (अगर ऐसी स्थिति बनी तो) के लिए आप जिसे भी टिकट देगी, उसका जीतना लगभग तय है। जब केजरीवाल को (आबकारी नीति मामले में) गिरफ्तार किया गया, तो मालीवाल विदेश में थीं। पार्टी के अन्य नेता जब इस मामले पर बयान जारी कर रहे थे, तो वह अनुपस्थित थीं।

सूत्रों ने कहा कि उन्हें दिल्ली लौटने और लोकसभा चुनाव अभियान में भाग लेने के लिए कहा गया। लेकिन उनके वापस आने पर उन्हें कोई सार्थक कार्यभार नहीं दिया गया।

कथित शराब घोटाले में केजरीवाल के जेल जाने के बाद से आप में कुछ बदलाव आ गया है। हालांकि केजरीवाल निर्विवाद रूप से ‘बॉस’ बने हुए हैं और आप में उनकी बात अंतिम है, कुछ नए सत्ता केंद्र, चाहे वे किसी भी क्षमता के हों, अपने लिए जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं, उनको मालीवाल से काफी शिकायतें हैं।

सूत्रों ने बताया कि मालीवाल इन मुद्दों और कुछ अन्य चीजों पर केजरीवाल के साथ चर्चा करना चाहती थीं, इसलिए वह 13 मई की सुबह सीएम के आधिकारिक आवास पर गईं।

सूत्रों ने यह भी कहा कि जब मालीवाल से राज्यसभा के सभापति को संबोधित त्याग पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने पूछा, “वह क्यों”, राज्यसभा में पार्टी के नौ अन्य लोग हैं, तो कोई और क्यों नहीं?

निकट भविष्य में उन्हें कुछ और पद देने का वादा किया गया। सूत्रों ने कहा, लेकिन उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया।

एफआईआर में मालीवाल का कहना है, ”मैं मदद के लिए लगातार चिल्ला रही थी, लेकिन कोई नहीं आया। बिभव कुमार ने मेरे सीने, पेट और कमर पर लात मारना शुरू कर दिया। मुझे अत्यधिक दर्द हो रहा था और मैं हमला रोकने की गुहार लगाती रही।

“मेरी शर्ट ऊपर हो रही थी, लेकिन उन्होंने मुझ पर हमला जारी रखा। मैंने बार-बार कहा कि मुझे मासिक धर्म हो रहा है और कृपया मुझे जाने दिया जाए। मुझे असहनीय दर्द हो रहा था। लेकिन बिभव ने पूरी ताकत से मुझ पर हमला जारी रखा।”

मालीवाल ने कहा कि मुझे बताया गया कि केजरीवाल आवास पर हैं और जल्द ही उनसे मिलेंगे। इससे एक प्रासंगिक सवाल उठता है – अगर केजरीवाल घर पर थे, तो क्या उन्होंने अपने ड्राइंग रूम से उठ रही चीखें या शोर नहीं सुना?

मामले में एफआईआर होने और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) द्वारा बिभव कुमार को नोटिस जारी करने के बाद भी बिभव को मुख्यमंत्री के निजी सचिव के पद से अभी तक बर्खास्त नहीं किया गया है।

हाल ही में उन्हें केजरीवाल और आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के साथ भी देखा गया। इससे पता चलता है कि कुमार को मुख्यमंत्री का विश्वास प्राप्त है। मालीवाल की शुक्रवार को हिंदी में एक्स पर की गई पोस्ट भी दिलचस्प है।

उन्होंने लिखा, “हर बार की तरह इस बार भी इस राजनीतिक हिटमैन ने खुद को बचाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं… आप जिस स्तर तक गिर सकते हैं, गिरें, भगवान सब कुछ देख रहा है। एक दिन सबकी सच्चाई दुनिया के सामने आएगी।”

मालीवाल ने किसी का नाम नहीं लिया और यह लोगों के विवेक पर छोड़ दिया कि वे अनुमान लगाएं कि वह किसकी बात कर रही थीं।

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