रोहतक के निवासी पेयजल की कमी, दूषित जल की आपूर्ति और ओवरफ्लो होते सीवेज की समस्या से जूझ रहे हैं, जबकि लगभग 443 करोड़ रुपये की पेयजल और जल निकासी परियोजनाओं के प्रस्ताव सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।
कांग्रेस विधायक भारत भूषण बत्रा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा को अलग-अलग पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे संबंधित अधिकारियों को अनुमानों को मंजूरी देने और धनराशि स्वीकृत करने के निर्देश दें ताकि परियोजनाओं को समय पर क्रियान्वित किया जा सके।
उन्होंने कहा, “जैसा कि आप भली-भांति जानते हैं, शहर की सीवरेज व्यवस्था चरमरा गई है और पेयजल आपूर्ति भी ठीक नहीं है। सीवर और पेयजल की पाइपलाइनें जर्जर हालत में हैं। सीवरेज व्यवस्था ठीक न होने के कारण शहर में गंदा पानी ओवरफ्लो हो जाता है, जिससे निवासियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जल आपूर्ति और सीवरेज व्यवस्था को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त करने की आवश्यकता है।”
पत्रों में बताया गया है कि लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की पहल पर जलापूर्ति योजना और जल निकासी व्यवस्था के लिए अनुमान पहले ही तैयार कर लिए गए हैं और वे अनुमोदन के लिए मुख्यालय में लंबित हैं।
उन्होंने कहा, “निवासियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रोहतक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधि होने के नाते, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया इस मामले पर गौर करें और संबंधित अधिकारियों को अनुमानों के अनुमोदन तथा राशि स्वीकृत करने के निर्देश दें, ताकि व्यापक जनहित में विकास कार्य शुरू किए जा सकें।”
बत्रा ने बताया कि जलापूर्ति बढ़ाने के लिए चार परियोजनाओं से संबंधित 256.17 करोड़ रुपये के नए अनुमानों को मंजूरी का इंतजार है।
इसी प्रकार, जल निकासी व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु सात परियोजनाओं से संबंधित 187.07 करोड़ रुपये के नए अनुमान भी अनुमोदन की प्रतीक्षा में हैं। गंगवा ने पीएचई आयुक्त एवं सचिव को इस संबंध में तत्काल आवश्यक कार्रवाई कर कार्रवाई रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।
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