शिमला, 19 जून शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज कहा कि शिमला शहर के साथ-साथ शिमला नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में सभी निर्माण गतिविधियां मौजूदा जल संकट के कारण रोक दी गई हैं।
नगर निगम ने 30 जून तक निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश भी जारी किया। यहां मीडिया को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि शहर जल संकट का सामना कर रहा है क्योंकि जिन स्रोतों से पानी उठाया जा रहा था, वे बारिश की कमी के कारण सूख रहे हैं।
उन्होंने कहा, “शिमला को प्रतिदिन लगभग 48 मिलियन लीटर (एमएलडी) पानी की आवश्यकता है, लेकिन स्रोतों में जल स्तर में कमी के कारण शहर को केवल 35 से 38 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है।”
उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह तक मानसून आने की उम्मीद है जिसके बाद जल स्रोतों में जल स्तर सामान्य हो जाएगा और मौजूदा संकट समाप्त हो जाएगा।
सिंह ने कहा कि विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित 50 से 60 एमएलडी पेयजल आपूर्ति योजना पर काम चल रहा है और उम्मीद है कि यह साल के अंत तक या अगले साल तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे शहर को अतिरिक्त पानी मिलेगा। मंत्री ने कहा, “जैसे ही स्रोतों में पानी का स्तर सामान्य हो जाता है, हम शहर को आपूर्ति बढ़ा देंगे।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि एसजेपीएनएल होटलों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अतिरिक्त पानी नहीं दे रहा है, बल्कि इन संपत्तियों को आवासीय क्षेत्रों की तर्ज पर जलापूर्ति की जा रही है।
उन्होंने राज्य के लोगों से अनुरोध किया कि वे पानी की बर्बादी न करें तथा वर्तमान संकट से निपटने के लिए इसका विवेकपूर्ण उपयोग करें। मंत्री ने कहा कि उन्होंने शिमला नगर निगम के महापौर सुरेन्द्र चौहान से पानी की बर्बादी रोकने के लिए उड़न दस्ते तैनात करने का भी अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, “आने वाले दिनों में कस्बे में हर दूसरे दिन पेयजल आपूर्ति उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।” इस बीच, शिमला नगर निगम ने जल संकट के मद्देनजर शहर में सीमेंट और कंक्रीट के उपयोग से जुड़ी सभी प्रकार की निर्माण गतिविधियों पर 30 जून तक प्रतिबंध लगा दिया है।
शिमला नगर निगम आयुक्त भूपिंदर अत्री के एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, राज्य के मौसम विभाग ने कहा है कि शहर में पिछले कई वर्षों में इस गर्मी में सबसे कम वर्षा हुई है।
उन्होंने कहा, “इससे सूखे जैसी स्थिति पैदा हो गई है और शहर को पानी देने वाले स्रोतों में पानी सूख गया है। यह भी चेतावनी दी गई है कि राज्य में मानसून आने में कुछ और दिन लगेंगे। इसलिए, 30 जून तक शहर में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है।”