पटना, 11 नवंबर । जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने सोमवार को आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, झारखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान सहित अन्य मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर जेडीयू नेता ने कहा है कि दुनिया में हो रहे बदलावों को वैश्विक स्तर पर मान्यता नहीं मिल रही है। यह चिंता का विषय है। साथ ही, जीवन की गुणवत्ता और जलवायु में भी बदलाव हो रहे हैं। अगर हम इन सभी तथ्यों और उनके द्वारा पेश चुनौतियों का अवलोकन नहीं करेंगे, तो निजीकरण से निजी कंपनियां आएंगी, जो सड़कों को नष्ट कर देंगी और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएंगी। निजी कंपनियों के आने से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां बंद हो जाएंगी, इससे बड़ी चुनौतियां पैदा होंगी। जल, जीवन और हरियाली ये तीनों विषय देश व दुनिया के लिए बेहद जरूरी हैं।
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी द्वारा महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर दिए बयान पर जब जेडीयू नेता ने कहा कि ओवैसी उन्मादी व्यक्ति हैं। इतिहास के तथ्यों की जानकारी नहीं है। सच यह है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर हिंदू, मुस्लिम, सिख, पारसी सभी ने मिलकर देश की आजादी की लड़ाई में अपनी भूमिका निभाई। देश के पूर्वजों का इतिहास है गौरवमयी है, जिन्होंने मौन रह कर भी देश के परिवर्तन और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वह अपने बयान से वोट ले सकते हैं। लेकिन इतिहास की कटु सच्चाई को इनकार नहीं कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा झारखंड में एनडीए और भाजपा की हवा चलने की बात कहने पर जेडीयू नेता ने कहा कि स्वाभाविक रूप से आदिवासी समुदाय के लिए झारखंड का गठन हुआ। 13 से 14 फीसद आबादी के बावजूद आदिवासियों का जीवन स्तर नहीं बदला। जब बिहार झारखंड का बंटवारा हुआ था, तो सरप्लस बजट था, लेकिन झारखंड की धरती को इस कदर लूटा गया कि झारखंड में आदिवासी आज भी परेशान हैं। लेकिन एनडीए बिरसा मुंडा की विरासत की रक्षा करने का वादा करती है, तो दूसरी तरफ हेमंत सोरेन और उनके घटक दल राष्ट्रीय जनता दल भ्रष्टाचार के आरोपी, बेउर जेल में बंद रहे सुभाष यादव के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं। इससे आदिवासियों में दहशत कायम है।
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