नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल के तैराकों ने चौथी राष्ट्रीय फिनस्विमिंग चैंपियनशिप 2024 में पूरे दबदबे के साथ स्विमिंग पूल पर राज करते हुए, कुल 151 पदकों के साथ टीम चैंपियनशिप का खिताब जीता। उसके खाते में 67 स्वर्ण, 43 रजत और 41 कांस्य पदक रहे।
उपविजेता कर्नाटक कुल 50 पदकों के साथ काफी पीछे रहा। उनके तैराकों ने 17 स्वर्ण, 18 रजत और 15 कांस्य पदक जीते। 21 पदकों के साथ उत्तराखंड को तीसरा स्थान मिला। उन्होंने 8 स्वर्ण, 6 रजत और 7 कांस्य पदक जीते। हरियाणा ने भी 21 पदक (6 स्वर्ण, 10 रजत और 5 कांस्य) जीते लेकिन उत्तराखंड से 2 स्वर्ण कम जीतने के कारण उसे चौथा स्थान मिला।
महाराष्ट्र ने 13 पदक (4 स्वर्ण, 4 रजत और 5 कांस्य) जीतकर 5वां स्थान प्राप्त किया। मणिपुर को 8 पदक (4 स्वर्ण, 2 रजत और 2 कांस्य) के साथ छठा स्थान मिला। मेजबान दिल्ली ने 11 पदक (3 स्वर्ण, 5 रजत और 3 कांस्य) जीते और पदक तालिका में सातवां स्थान प्राप्त किया।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि द्रोणाचार्य अवार्डी हॉकी कोच डॉ. ए के बंसल ने विजेताओं को ट्रॉफी और पदक प्रदान किए। डॉ. बंसल सभी उम्र के फिनस्विमर्स को भारी संख्या में भाग लेते देखकर रोमांचित थे।
अंडरवाटर स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (यूएसएफआई) द्वारा युवा मामले और खेल मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा मान्यता प्राप्त फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय चैंपियनशिप, यहां डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्विमिंग पूल कॉम्प्लेक्स में समाप्त हुई। चैंपियनशिप में 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 1500 प्रतिभागियों ने प्रतिनिधित्व किया। 19 राज्यों की टीमों के फिनस्विमर्स ने एक या अधिक पदक जीते हैं।
अंडरवाटर स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (यूएसएफआई) के सचिव डॉ. तपन पाणिग्रही ने चैंपियनशिप के दौरान शानदार जज्बा दिखाने के लिए सभी प्रतिभागियों और टीम अधिकारियों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि उनकी कड़ी मेहनत और प्रयासों से फिनस्विमिंग तेज गति से देश में अपने पंख फैलाएगी। तैराकी में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता डॉ. पाणिग्रही ने जल्द ही देश में एक लाख फिनस्विमर बनाने का लक्ष्य रखा है।