October 25, 2025
National

ट्रंप के टैरिफ प्रेशर के बीच भारत-अमेरिका के रिश्ते पर क्या बोले पूर्व राजनयिक और राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन श्रृंगला?

What did former diplomat and Rajya Sabha MP Harsh Vardhan Shringla say on India-US relations amid Trump’s tariff pressure?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से रूस से तेल की खरीदारी बंद करने को लेकर भारत पर लगातार दबाव बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। इस बीच राज्यसभा सांसद और पूर्व राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला ने भारत और अमेरिका के रिश्ते को लेकर बड़ा बयान दिया है।

भारत और अमेरिका के रिश्ते को लेकर पूर्व राजनयिक और राज्यसभा सांसद श्रृंगला ने कहा, “ये अच्छी बात है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत हो रही है। द्विपक्षीय रिश्ता महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी के राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अच्छे संबंध हैं। दोनों के बीच हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप के दिनों से बहुत ही अच्छा रिश्ता है। ये दो नेता न सिर्फ द्विपक्षीय संबंध के बारे में बात करेंगे, बल्कि विश्व के जो मुद्दे हैं, उन पर चर्चा जरूर होगी।”

उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण के 25 दिन बाद अमेरिका पहुंचे थे। इस दौरे का बड़ा परिमाण देखने को मिला। बहुत ही बड़ा एजेंडा रहा। मुझे यकीन है कि राष्ट्रपति ट्रंप जल्द से जल्द भारत आएंगे। ये दोनों तरफ से तय होना है।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने दीपावली के मौके पर पीएम मोदी को फोन करके बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने व्हाइट हाउस में भी दीपावली के मौके पर आयोजित कार्यक्रम की मेजबानी की। इस बीच मीडिया के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने दावा किया कि भारत ने आश्वासन दिया है कि वह रूस से तेल नहीं खरीदेगा।

हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से किए गए इस दावे को भारत ने सिरे से नकार दिया। मीडिया से बात करते हुए, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “मैंने आज ही प्रधानमंत्री मोदी से बात की। हमारी बातचीत बहुत अच्छी रही। हमने व्यापार के बारे में बात की। हमने कई चीजों पर बात की, लेकिन ज्यादातर व्यापार जगत के बारे में। उनकी इसमें बहुत रुचि है।”

राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर से कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि भारत रूस से ज्यादा तेल नहीं खरीदेगा। उन्होंने कहा, “हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं, और वह रूस से ज्यादा तेल नहीं खरीदने वाले हैं। वह रूस और यूक्रेन के युद्ध को खत्म होते देखना चाहते हैं।”

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