नई दिल्ली, 1 अक्टूबर । सितंबर खत्म हो गया है और अक्टूबर का आगाज हो गया। ऐसे में नए महीने की शुरुआत होते ही सुकन्या समृद्धि योजना में बड़ा बदलाव हुआ है। नए नियम के मुताबिक, सुकन्या समृद्धि योजना के खातों का संचालन बेटी के कानूनी अभिभावक या उसके माता-पिता ही कर सकते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत पीएम मोदी ने साल 2015 में की थी। पीएम मोदी ने बेटियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस योजना को शुरू करने का निर्णय लिया था, ताकि माता-पिता को कम उम्र से ही अपनी बेटी के लिए बचत शुरू करने को प्रोत्साहित किया जा सके।
एक बेटी के नाम पर केवल एक ही सुकन्या समृद्धि खाता खोला जा सकता है। इस योजना में महज 250 रुपये से अकाउंट को ओपन कराया जा सकता है। सरकार की ओर से इस योजना में लगभग आठ फीसद से अधिक ब्याज मिलता है। इस खाते को बेटी के जन्म के समय या फिर 10 साल की उम्र तक ही खोला जा सकता है।
अगर आपको सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलवाना हो, तो आप अपने घर के पास स्थित डाकघर या इस योजना के तहत पंजीकृत बैंक के कार्यालय जा सकते हैं।
इस खाते में एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की राशि जमा की जा सकती है। बेटी के बालिग होने तक खाता अभिभावक द्वारा ही संचालित किया जा सकता है।
नए नियम के तहत सुकन्या समृद्धि योजना में एक अक्टूबर से बेटियों के कानूनी अभिभावक ही, उनके खातों का संचालन कर सकेंगे। नए नियम के मुताबिक, अगर किसी शख्स द्वारा बेटी का सुकन्या समृद्धि योजना खाता खोला गया है और वह कानूनी तौर पर उसका अभिभावक नहीं है, ऐसे में उन्हें यह अकाउंट बेटी के कानूनी अभिभावक या माता-पिता को ट्रांसफर करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो खाता बंद हो सकता है।
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