रेलवे रोड नरवाना की जीवन रेखा है, क्योंकि यह शहर के सभी महत्वपूर्ण स्थानों को एक दूसरे से जोड़ती है। इस सड़क पर भारी यातायात के कारण इसकी हालत खराब हो गई है। इस पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिससे अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। नेहरू पार्क से मॉडल टाउन तक का हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावित है। संबंधित अधिकारियों को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए और सड़क की तुरंत मरम्मत करानी चाहिए।
देविंदर सिंह सुरजेवाला, नरवाना करनाल-यमुनानगर रेल लाइन का काम धीमी गति से चल रहा है 1998 में केंद्र सरकार ने करनाल से यमुनानगर तक 63 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बनाने की घोषणा की थी। इस लाइन को 1.57 करोड़ रुपए की लागत से बिछाया जाना था। 2015 में इस परियोजना के लिए अनुमान और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी तैयार की गई थी। लेकिन अफसोस की बात है कि 26 साल बाद भी यह लाइन नहीं बिछाई जा सकी है। इन सालों में सर्वेक्षण की लागत, परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि की दर और लाइन बिछाने की लागत कई गुना बढ़ गई है। केंद्र और राज्य सरकार को यह काम पूरा करवाना चाहिए। शक्ति सिंह, करनाल
हमारे पाठक क्या कहते हैं क्या कोई नागरिक मुद्दा आपको परेशान कर रहा है? क्या आप चिंता की कमी से परेशान हैं? क्या कोई ऐसी खुशी की बात है जिसे आपको उजागर करने की ज़रूरत है? या कोई ऐसी तस्वीर जो आपके हिसाब से सिर्फ़ आपको ही नहीं, बल्कि कई लोगों को देखनी चाहिए?