N1Live Haryana हमारे पाठक क्या कहते हैं: ऑटोरिक्शा की अनुशासनहीन आवाजाही
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हमारे पाठक क्या कहते हैं: ऑटोरिक्शा की अनुशासनहीन आवाजाही

What our readers say: Undisciplined movement of autorickshaws

शहर में ऑटोरिक्शा और ई-रिक्शा की अनुशासनहीन आवाजाही और संचालन यातायात की भीड़ और यात्रियों के लिए रुकावटों का मुख्य कारण बन गया है। इन वाहनों के लिए कोई निर्धारित स्टॉप न होने के कारण, वे अक्सर सड़कों पर बेतरतीब ढंग से रुक जाते हैं, जिससे न केवल यातायात अवरुद्ध होता है, बल्कि दुर्घटनाओं का जोखिम भी बढ़ जाता है। विनियमन की कमी के कारण कई ऑटोरिक्शा यातायात नियमों की अवहेलना करते हैं, ओवरस्पीडिंग और लापरवाही से वाहन चलाते हैं, जिससे अन्य यात्रियों के लिए और भी समस्याएँ पैदा होती हैं। पुलिस विभाग को सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसे वाहनों की आवाजाही को विनियमित या रोकने के उपाय करने चाहिए। – राकेश कश्यप, फरीदाबाद

कालिंदी कुंज पुल पर भीड़ के कारण देरी नोएडा से दिल्ली आने-जाने वाले यात्रियों को कई बार कालिंदी कुंज पुल पर भारी जाम का सामना करना पड़ता है, शाम के व्यस्त समय में औसतन 50 से 60 मिनट की देरी होती है। यातायात पुलिस की मौजूदगी के बावजूद, यात्री लगातार ट्रैफिक जाम के लिए प्रभावी समाधान न होने पर निराशा व्यक्त करते हैं। स्थानीय निवासी संबंधित अधिकारियों से स्थिति को कम करने और क्षेत्र में यातायात प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह कर रहे हैं, जो दैनिक यात्रियों के लिए लगातार समस्याग्रस्त होता जा रहा है। -राजेश, दिलशाद गार्डन

शहर के रिहायशी इलाकों में हर गली, सड़क और चौक पर आवारा कुत्तों के झुंड देखे जा सकते हैं। वे मोटरसाइकिलों की ओर भागते हैं, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं। शहर में कुत्तों के काटने के मामले भी बढ़े हैं, क्योंकि ये जानवर लोगों पर हमला करते हैं। नगर निगम अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर विशेष नसबंदी कार्यक्रम शुरू करके शहर में कुत्तों की संख्या पर अंकुश लगाने पर काम करना चाहिए। – दीपक सलूजा, पानीपत

उपभोक्ता पैनल के स्थानांतरण पर चिंता जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (डीसीडीआरसी) को कुछ माह पहले न्यायिक परिसर से मॉडल टाउन स्थित किराए के भवन में स्थानांतरित किए जाने पर आयोग के समक्ष पैरवी करने वाले पक्षकारों व उनके वकीलों में भारी रोष है। अब वकीलों व पक्षकारों के लिए जिला न्यायालय से आयोग के समक्ष पेश होने के लिए आना-जाना काफी मुश्किल हो गया है। हैरानी की बात है कि दो दशक से अधिक समय बीत जाने के बावजूद डीसीडीआरसी अभी तक अपना स्थायी भवन नहीं बना पाया है। उपभोक्ता आयोग के समक्ष पेश होने वाले जिला करनाल बार एसोसिएशन के वकीलों ने हरियाणा सरकार व जिला प्रशासन से मांग की है कि डीसीडीआरसी जल्द से जल्द अपना स्थायी भवन बनाए तथा जब तक इसका निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक आयोग को जल्द से जल्द न्यायिक परिसर या लघु सचिवालय में स्थानांतरित किया जाए। -शक्ति सिंह, करनाल

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