खरीद सीजन की आधिकारिक शुरुआत के आठवें दिन मंगलवार को गेहूं की वास्तविक खरीद शुरू हो गई है। विधायक जगमोहन आनंद और मेयर रेणु बाला गुप्ता की मौजूदगी में अधिकारियों ने गेहूं की नीलामी शुरू की। उन्होंने अनाज मंडी का निरीक्षण किया और खरीद की तैयारियों का जायजा लिया। इसके अलावा उन्होंने किसानों और आढ़तियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली।
खरीद 1 अप्रैल को शुरू हुई, लेकिन अधिक नमी तथा परिवहन एवं श्रम ठेकेदारों का अंतिम रूप न दिया जाना खरीद शुरू न होने के प्रमुख कारणों में से थे।
आनंद ने कहा, “किसानों को अपनी उपज बेचते समय मंडियों में किसी भी तरह की कुव्यवस्था का सामना नहीं करना चाहिए। अधिकारियों को सरकार द्वारा तय एमएसपी पर खरीद की गारंटी देनी चाहिए।”
“अगर किसी किसान, व्यापारी या कमीशन एजेंट को कोई समस्या आती है, तो वे मुझे आधी रात को भी फोन कर सकते हैं।”
महापौर ने कहा कि किसान गेहूं और सरसों की फसल अनाज मंडियों में ला रहे हैं और एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करना अधिकारियों का कर्तव्य है।
इससे पहले उन्होंने गेट पास सिस्टम की जांच की और अधिकारियों को इसे जारी करने में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही साफ-सफाई बनाए रखने, स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने और खरीदी गई फसलों का समय पर उठान सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों को पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा शुरू की गई पहल की याद दिलाई, जिसमें किसानों के खातों में सीधे भुगतान किया जाता था।
आढ़तियों की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक ने कहा कि मंडी के अंदर सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पर कड़ी नजर रखी जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि खरीद के समय अनाज मंडी के अंदर पुलिस की एक गाड़ी तैनात की जाए। उन्होंने सुरक्षा के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ी तैनात करने की संभावना पर भी चर्चा की।